देश की 15वीं राष्ट्रपति चुनी गईं द्रौपदी मुर्मू आज सुबह 10:15 बजे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में पद और गोपनीयता की शपथ लेने जा रहीं हैं. शपथ लेने के बाद देश को द्रौपदी मुर्मू के रूप में नई राष्ट्रपति मिल जाएंगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई की आधी रात को खत्म हो गया.
रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही उनकी राष्ट्रपति भवन से विदाई हो गई. अब उनका पता 12 जनपथ होगा. पद छोड़ने से रविवार शाम को रामनाथ कोविंद ने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति रहते हुए अपने गांव जाना और स्कूल के बुजुर्ग शिक्षकों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना मेरे जीवन के सबसे यादगार पलों में हमेशा शामिल रहेंगे.
देश के नाम विदाई संबोधन में उन्होंने महात्मा गांधी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि लोगों को हर दिन कुछ मिनट गांधीजी के जीवन और शिक्षाओं पर चिंतन करना चाहिए. उन्होंने युवा पीढ़ी से कहा कि वे अपने गांव या शहर, स्कूलों और शिक्षकों से जुड़े रहने की परंपरा आगे बढ़ाते रहें. बता दें कि 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करने वाली द्रौपदी मुर्मू ने पुरानी परंपरा को बरकरार रखा है.
द्रौपदी 45 वर्षों से चली आ रही 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने की परंपरा निभाने जा रहीं हैं. दरअसल यह परंपरा आज की नहीं वर्षों पुरानी है और तब से ऐसी ही बनी हुई है. द्रौपदी मुर्मू से पहले भी जो राष्ट्रपति थे उन्होंने 25 जुलाई को ही शपथ ली थी. देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी 25 जुलाई को शपथ ली थी. उनसे पूर्व प्रणब मुखर्जी ने भी 25 जुलाई को ही शपथ ग्रहण किया था. देश में कुल ऐसे अब तक 9 राष्ट्रपति हुए हैं, जिन्होंने 25 जुलाई को अपने पद की शपथ ली है.
इनमें सबसे पहला नाम देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का आता है. उन्होंने 25 जुलाई 1977 को देश के राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. दरअसल, देश में जब इंदिरा गांधी की सरकार ने इमरजेंसी लगाई थी तो उसके बाद जब पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए चुना हुआ तो पूर्व में जनता पार्टी के नेता रहे नीलम संजीव रेड्डी को जीत हासिल हुई थी. हालांकि इसका कोई खास कारण नहीं है.
दरअसल, देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने जब 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ली तो उसके बाद जिन भी राष्ट्रपतियों ने अपना कार्यकाल पूरा किया उन सभी ने इसी तारीख को राष्ट्रपति पद की शपथ ली. 1977 में आज के ही दिन नीलम संजीव रेड्डी देश के छठे राष्ट्रपति बने थे. तब पहली बार किसी राष्ट्रपति को निर्विरोध चुना गया था. आंध्र प्रदेश में जन्मे नीलम संजीव रेड्डी सबसे कम उम्र वाले राष्ट्रपति भी थे. तब उनकी उम्र 64 साल थी.
उनकी शपथ के साथ ही देश में 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने की परंपरा शुरू हुई, जो अब भी जारी है. बतौर राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने तीन प्रधानमंत्रियों को शपथ दिलाई और उनके साथ काम किया. इनमें जनता पार्टी के मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह और कांग्रेस की इंदिरा गांधी शामिल हैं.
नीलम संजीव रेड्डी के बाद अब तक देश के कुल 8 राष्ट्रपतियों ने अपना कार्यकाल पूरा किया है. उन सभी राष्ट्रपति पद की शपथ 25 जुलाई को ली है . पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहीं हैं.