दिल्ली के एलजी और आप सरकार के बीच जंग नई नहीं है. केजरीवाल सरकार का आरोप है कि किसी खास इशारे पर कामकाज को रोकने की कोशिश हो रही है. विवाद की इस कड़ी में डीडीसी यानी डॉयलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन का मामला गरमाया हुआ है.
आरोप है कि डीडीसी के वाइस चेयरमैन दफ्तर का इस्तेमाल राजनीतिक कार्यों के लिए कर रहे हैं. एल जी वी के सक्सेना ने जास्मीन शाह को हटाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सीएम केजरीवाल को निर्देश दिया है कि वो जास्मीन शाह को काम करने से रोकें.
इसके साथ ही डीडीसी वाइस चेयरमैन के रूप में जो सुविधाएं मिलती हैं उनका इस्तेमाल ना करें. यह तब तक के लिए लागू होगा जबतक सीएम केजरीवाल कोई फैसला नहीं कर लेते.
एलजी सचिवालय को दिल्ली सरकार द्वारा बीएसईएस डिस्कॉम को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी में कथित अनियमितता और विसंगतियों को लेकर एक शिकायत मिली थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि जास्मीन शाह और आप के एक राज्यसभा सांसद के बेटे ने बड़ा घोटाला किया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह भी आरोप लगा कि केजरीवाल सरकार ने अनिल अंबानी समूह के स्वामित्व वाले निजी डिस्कॉम, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड के निदेशक नियुक्त किए थे. इन निजी डिस्कॉम में दिल्ली सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी है.
इससे पहले बीजेपी सांसद परवेश सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि डीडीसी के उपाध्यक्ष के रूप में काम करते हुए शाह ने राजनीतिक लाभ के लिए आम आदमी पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में काम किया था जो प्रक्रियाओं का उल्लंघन है.