दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सोमवार (3 जुलाई) को दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली. कोर्ट ने एक्साइज पॉलिसी मामले से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने इसी मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर, हैदराबाद के उद्यमी अभिषेक बोइनपल्ली और बिनाय बाबू की जमानत याचिका भी खारिज कर दी है.
ईडी की ओर से दर्ज धन शोधन के मामले में ये सभी सह-आरोपी हैं. दिल्ली हाई कोर्ट में ईडी ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने का विरोध किया था. ईडी ने कहा था मनीष सिसोदिया के पास 18 से ज्यादा मंत्रालय थे. वह बहुत प्रभावशाली व्यक्ति हैं. अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं. मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. तब से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे वापस ले लिया गया था. हाई कोर्ट सीबीआई वाले मामले में 30 मई को उन्हें जमानत देने से इनकार कर चुका है. उन्हें ईडी ने नौ मार्च को गिरफ्तार किया था और अभी वह न्यायिक हिरासत में हैं. कोर्ट ने दो जून को सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था.
मनीष सिसोदिया ने मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित अपनी पत्नी के बिगड़ते स्वास्थ्य सहित विभिन्न आधारों पर जमानत मांगी है. उन्हें पिछले दिनों उनकी बीमार पत्नी से मिलने के लिए कुछ घंटों की इजाजत दी गई थी.