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दिल्‍ली में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, अरविंदर सिंह लवली से छोड़ा प्रदेश अध्‍यक्ष का पद

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लोकसभा चुनाव- 2024 की गहमा-गहमी के बीच दिल्‍ली में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. दिल्‍ली कांग्रेस के अध्‍यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. दिल्‍ली में अभी तक चुनाव नहीं हुआ है, ऐसे में मतदान से पहले लवली द्वारा अध्‍यक्ष पद छोड़ना पार्टी के लिए कतई शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता है. बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए अभी तक दो चरणों के लिए मतदान हो चुका है. सभी पार्टियां तीसरे चरण की वोटिंग से पहले प्रचार अभियान में जुटे हैं. दूसरी तरफ, कांग्रेस पार्टी ऐसे समय में भी अंदरुनी कलह से जूझ रही है.

दिल्‍ली कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली द्वारा इस्‍तीफा देने से राजनीति अचानक से गर्मा गई है. लवली ने सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ चुनावी गठजोड़ करने की मुखालफत की है. उन्‍होंने लिखा, ‘कांग्रेस की दिल्‍ली इकाई उस पार्टी के साथ गठजोड़ करने के पूरी तरह से खिलाफ थी, जिसका गठन ही कांग्रेस पार्टी पर भ्रष्‍टाचार के झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाने के उद्देश्‍य से हुआ है.’ चुनावी समय में दिग्‍गज नेता द्वारा पार्टी अध्‍यक्ष का पद छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है.

अरविंदर सिंह लवली ने दिल्‍ली कांग्रेस अध्‍यक्ष का पद छोड़ने के 11 कारण गिनाए हैं, जिनमें से ये 7 प्रमुख वजहें हैं :-

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंद सिंह लवली ने अपने इस्तीफा के लिए पहले महत्वपूर्ण कारण में दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया पर फोड़ा ठीकरा.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन.
उत्तर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से बाहरी उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारना.
उत्तर पश्चिमी दिल्ली से उम्मीदवार उदित राज का पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयान और उत्तर पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार कन्हैया कुमार का कांग्रेस के स्टैंड से अलग हटकर अरविंद केजरीवाल की तारीफ करना.
कांग्रेस के नेताओं के साथ दिल्ली प्रदेश के प्रभारी दीपक बाबरिया की नोंक झोंक को भी बताया कारण.
दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ तीन सीट मिलना भी एक कारण.
उत्तर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से उम्मीदवार बनाए जाने के फैसले की जानकारी DPCC को पहले न देना.


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