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ईडी की हिरासत में केजरीवाल! जेल से ही जारी किया दूसरा आदेश

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अरविन्द केजरीवाल
अरविन्द केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों कथित शराब घोटाले मामले को लेकर ईडी की हिरासत में हैं. इस बीच वह जेल से ही दिल्लीवासियों के लिए अहम निर्देश जारी कर रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने जेल से अपना दूसरा आदेश जारी किया है. उनके इस आदेश को आप के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए पढ़कर भी सुनाया है. इस आदेश में सीएम केजरीवाल ने दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने इससे संबंधित मुफ्त दवाओं को लेकर एक अहम आदेश जारी किया है.

मंगलवार 26 मार्च को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी की हिरासत से ही अपना दूसरा आदेश जारी किया. इसके तहत उन्होंने दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सौरभ भारद्वाज को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अस्पतालों के साथ-साथ मोहल्ला क्लिनिकों में मुफ्त दवाइयां मिलती रहनी चाहिए. यही नहीं इसके साथ-साथ मरीजों का मेडिकल टेस्ट भी सुचारू रूप से होता रहना चाहिए.

सीएम केजरीवाल के आदेश की जानकारी खुद स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जेल में भी दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने इससे संबंधित अहम आदेश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि उनके जेल में होने की वजह से दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य पर बुर असर नहीं पड़ना चाहिए.

इससे पहले भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी की हिरासत से एक आदेश जारी किया था. इस दौरान उन्होंने दिल्ली में पानी-सीवर की समस्या को लेकर अहम निर्देश दिए थे. सीएम केजरीवाल ने यह आदेश 23 मार्च को जारी किया था. उन्होंने अपने आदेश में जल मंत्री आतिशी को राजधानी के कई इलाकों में पेयजल और सीवर की समस्याओं के समाधान करने की बात कही थी.

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय सीएम अरविंद केजरीवाल के ईडी की हिरासत से दिए गए आदेशों की भी जांच कर रही हैं. दरअसल ईडी इस बात की जांच कर रही है कि क्या हिरासत में किसी मुख्यमंत्री का निर्देश जारी करना पीएमएलए कोर्ट के आदेश का उल्लंघन तो नहीं. ईडी इस बात का भी पता लगा रही है कि क्या मुख्यमंत्री जेल में रहते हुए किसी सरकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर सकते हैं या नहीं?

जेल मैन्युअल के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हिरासत के दौरान रोजाना महज एक घंटे अपनी पत्नी और निजी सहायक से मिल सकते हैं. ये वक्त शाम 6 से 7 बजे के बीच का तय किया गया है. वहीं आधा घंटा वह अपने वकीलों के साथ भी बिता सकते हैं. इसके अलावा उन्हें कोर्ट में न तो पेन और न ही पेपर दिया जा सकता है.





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