गृह मंत्रालय ने दिल्ली बजट 2023 को मंजूरी दे दी है. सूत्रों का कहना है कि बजट की मंजूरी की सूचना दिल्ली सरकार को भेज दी गई है. दरअसल, दिल्ली सरकार के इस बजट को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार और गृह मंत्रालय के बीच गतिरोध पैदा हो गया था.
अपने इस बजट में दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर खर्च के लिए बड़ी मात्रा में राशि के आवंटन का प्रस्ताव किया है जिस पर गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण मांगते हुए बजट को मंजूरी देने से इंकार कर दिया.
गृह मंत्रालय ने पाया कि बजट में विज्ञापनों पर ज्यादा एवं बुनियादी संरचना एवं विकास की अन्य परियोजनाओं पर कम राशि की व्यवस्था की गई है. बजट को मंजूरी नहीं दिए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी और आप के सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.
इससे पहले बजट में प्रस्तावित खर्च पर आप और केंद्र सरकार के बीच जारी खींचतान के दौरान दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने मंगलवार को कहा कि मंजूरी के लिए बजट की फाइल दोबारा गृह मंत्रालय के पास भेजी गई है. दिल्ली सरकार के बजट को मंजूरी नहीं मिलने पर अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए उस पर ‘गुंडागर्दी’ का सहारा लेने का आरोप लगाया.
रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि केजरीवाल सरकार ने बजट में विकासकार्यों के लिए कम और अपने विज्ञापनों के लिए खर्च पर ज्यादा राशि का आवंटन किया है. हालांकि, केजरीवाल सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है. दिल्ली सरकार ने कहा कि इस बार बजट का आकार 78,800 करोड़ रुपए का है. इसमें से 22,000 करोड़ रुपए का आवंटन बुनियादी संरचनाओं के लिए हुआ है जबकि विज्ञापनों पर केवल 550 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
वहीं, बजट को लेकर मंगलवार सुबह दिल्ली विधानसभा में भारी हंगामा देखने को मिला. इस मुद्दे को लेकर स्पीकर राम निवास गोयल और भाजपा विधायक विजेंदर गुप्ता के बीच तीखी नोक-झोंक हुई. सदन में वित्त मंत्री अपनी बात रखने वाले थे लेकिन इससे पहले भाजपा विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने बजट में आवंटित राशि की जानकारी मीडिया को लीक कर दी है.