राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की बगावत के बाद जारी सियासी संकट को लेकर पार्टी पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दी है. सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में राजस्थान के सियासी संकट के लिए अशोक गहलोत को क्लीन चिट दे गई है.
पर्यवेक्षकों ने उन्हें इस घटनाक्रम के लिए तकनीकी तौर पर कहीं जिम्मेदार नहीं बताया है. हालांकि इसमें विधायकों की समानांतर बैठक बुलाने वाले प्रमुख नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुसंशा की गई है.
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी और पर्यवेक्षकों ने 9 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में सिलसिलेवार ढंग से पूरे राजनीतिक घटनाक्रम को बताया है. सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में राजस्थान सरकार में मंत्री और कांग्रेस विधायक शांतिलाल धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, कांग्रेस नेता धर्मेंद राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई. इसके अलावा कुछ और नेताओं के नाम हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.
उधर सूत्रों ने बताया है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभी अध्यक्ष चुनाव की रेस से बाहर नहीं हुए हैं. वह चुनाव लड़ने को लेकर वेट एंड वाच की स्थिति में है. अगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से उन्हें निर्देश मिलेगा, तभी वह अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन भरेंगे.
बता दें कि राजस्थान संकट के बाद कांग्रेस कार्यसमिति के कुछ सदस्यों ने पार्टी आलाकमान से शिकायत की थीकि गहलोत की जगह दूसरे को उम्मीदवार बनाया जाए. हालांकि आलाकमान अब भी गहलोत को एक मौका देने के मूड में बताया जा रहा है.