केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी के अब तमिलनाडु के कन्याकुमारी से लड़ने की चर्चा शुरू हो गई है. 2024 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी इस सीट से किस्मत आजमा सकते हैं.
केरल के वायनाड के सांसद राहुल ने कन्याकुमारी से अपनी भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी, जिसका प्रतिनिधित्व अभी कांग्रेस के विजय वसंत कर रहे हैं. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, राहुल के लिए कन्याकुमारी का विकल्प तलाशा जा रहा है. पार्टी नेताओं ने कहा कि अभी अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, पार्टी के एक सांसद ने कहा कि 2019 में तमिलनाडु के कुछ कांग्रेस सांसदों ने कन्याकुमारी से प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतारने का प्रस्ताव आलाकमान को दिया था, लेकिन उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. राहुल के लिए एक नए विकल्प तलाशने के दो कारण बताए जा रहे हैं.
पहला, उन्हें सीधे भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक ऐसी सीट से खड़ा करना जो कांग्रेस के लिए सुरक्षित मानी जाती है, खासकर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) और वाम दलों के साथ गठबंधन को देखते हुए यह अहम तथ्य है.
दूसरा, पार्टी के नेताओं का कहना है कि राहुल के केरल में वामपंथियों के खिलाफ चुनाव लड़ने से गलत संदेश जाता है. सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी जैसे वरिष्ठ वामपंथी नेताओं के साथ राहुल की निकटता को देखते हुए एक अजीब स्थिति पैदा हो जाती है.
एक नेता ने कहा कि 2019 में भी कन्याकुमारी को बेंगलुरु ग्रामीण (पूर्व में कनकपुरा) के साथ शॉर्टलिस्ट किया गया था, जिसका प्रतिनिधित्व अब डी.के. सुरेश करते हैं. आखिरी पलों में राहुल के लिए वायनाड की सीट तय हुई थी. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर राहुल कन्याकुमारी चले जाते हैं तो वेणुगोपाल को वायनाड से मैदान में उतारा जा सकता है.
कन्याकुमारी से चुनाव लड़ने का मतलब है कि राहुल वाम और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार होंगे. उनके साथ तिरुवनंतपुरम से सटे शशि थरूर भी होंगे. मूल रूप से पूर्ववर्ती त्रावणकोर साम्राज्य का एक हिस्सा, कन्याकुमारी के चार तालुक राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के बाद केरल ने तमिलनाडु को सौंप दिए थे.