मोदी सरनेम वाली टिप्पणी के मामले में 2 साल की सजा सुनाए जाने के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. कांग्रेस नेता ने शनिवार को शीर्ष अदालत में इस सजा पर रोक लगाने की अर्जी दायर की है.
शीर्ष अदालत से जुड़े सूत्रों ने मीडिया को बताया कि यह मामला 17 जुलाई को शीर्ष अदालत के समक्ष लाए जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध कर सकते हैं.’
इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने मोदी सरनेम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध बीती 7 जुलाई को खारिज कर दिया था, जिसके बाद कांग्रेस नेता के पास इस सज़ा से राहत पाने के लिए यह आखिरी दरवाजा है.
गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ‘राजनीति में शुचिता’ समय की मांग है. न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक की एकल पीठ ने 53 वर्षीय गांधी की याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की, ‘जनप्रतिनिधियों को स्वच्छ छवि का व्यक्ति होना चाहिए.’ अदालत ने यह भी कहा कि दोषसिद्धि पर रोक लगाना नियम नहीं, बल्कि अपवाद है, जो विरले मामलों में इस्तेमाल होता है. इसने कहा कि सजा पर रोक लगाने का कोई उचित आधार नहीं है.
बता दें कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए 2 साल जेल की निलंबित सजा सुनाई थी.