सोमवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने विपक्षी एकता की आवश्यकता पर विचार करते हुए कहा कि कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा सरकार से ‘अकेले नहीं लड़ सकती’. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा विरोधी वोटों के बंटने की संभावना को कम करने के लिए विपक्षी दलों की एकता एक आवश्यक मानदंड है.
एएनआई से बात करते हुए, कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘कांग्रेस विपक्षी एकता के बारे में समान रूप से चिंतित है. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने कई मौकों पर सही कहा है कि वर्तमान स्थिति में, कांग्रेस अकेले इस सरकार से नहीं लड़ सकती. कांग्रेस अकेले अपनी लड़ाई लड़ रही है.
लेकिन हमें इस अलोकतांत्रिक, तानाशाह सरकार को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी एकता की जरूरत है. इन ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए विपक्षी एकता की जरूरत है.’
केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘कांग्रेस इसके लिए (समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की एकजुटता) बहुत उत्सुक है. पिछला संसद सत्र एक उदाहरण था. हमारे अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहल की और अडानी मुद्दे पर संसद में एक आवाज रखने के लिए विपक्ष की बैठक बुलाई.
मोटे तौर पर हम सोच रहे हैं कि हमें भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए. हमें बीजेपी विरोधी वोटों को बंटने का मौका नहीं देना चाहिए.’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि देश में ‘आपातकाल जैसी स्थिति’ है. वणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस ने इस ‘तानाशाही सरकार’ के खिलाफ लड़ाई का ‘सबसे बड़ा काम’ अपने हाथ में ले लिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियां तानाशाही हैं.
उदयपुर चिंतन शिविर संकल्प के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए हर पदाधिकारी के खास है. उन्होंने कहा, ’50 अंडर 50′ उदयपुर चिंतन शिविर का संकल्प है. चिंतन शिविर घोषणा के बाद हम हर पदाधिकारी की जिम्मेदारी तय कर रहे हैं. 50 साल से कम उम्र के युवाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होना चाहिए.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम इसे एक पखवाड़े में नहीं कर सकते. लक्ष्य की पूर्ण पूर्ति के लिए कुछ समय की आवश्यकता है. लेकिन हम इस प्रक्रिया में हैं. हमारा स्पष्ट विचार है कि 50% पदाधिकारियों की आयु 50 वर्ष से कम होनी चाहिए.’ आपको बता दें कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ के रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक प्लेनरी सेशन का आयोजन कर रही है, जिसमें सीडब्ल्यूसी के लिए चुनाव कराने पर फैसला लिया जाएगा.