मुजफ्फरनगर| खतौली विधानसभा सीट का उपचुनाव 5 दिसम्बर को है. सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस चुनाव में विजय पताका फहराने के लिए पूरी ताक़त झोंक रखी है. राजनीतिक पार्टियों के प्रचार में ऐसे-ऐसे शब्द इस्तेमाल किए जा रहे हैं. जो जनता के बीच चर्चा का विषय बने हैं. गर्मी, सर्दी, बिच्छू, कलंक, दाल में तड़का, बाहुबली और परदेसी जैसे शब्दों के के ईर्द-गिर्द खतौली का उपचुनाव घूमता हुआ नज़र आ रहा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खतौली की सभा में में विपक्षी पार्टियों पर जमकर शाब्दिक तीर चलाए. खतौली में मुख्यमंत्री योगी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये धरती धर्म की धरती है, लेकिन जब धर्म पर संकट आता है तो इस धरती ने क्रांति का संदेश दिया है. उन्होंने कवाल में 2013 में हुए बवाल को सपा का कलंक बताया. उन्होंने अपने ही अंदाज़ में बिच्छू वाली एक कहानी सुनाई. सीएम ने बताया कि एक बिच्छू पानी में डूब रहा था.
एक साधु उसे बचाने के लिए जैसे ही अपने हाथ में लेता है तो बिच्छू साधु को काट लेता है. कई बार ऐसा हुआ तो एक राहगीर ने देखा और साधु से पूछा कि ये क्या कर रहे हो. इस पर साधु ने बताया कि वो इसे बचाना चाहता है, लेकिन ये अपनी प्रवृत्ति से बाज नहीं आ रहा.
इस तरह सीएम ने समझाया जिसकी जैसी प्रवृत्ति होती है वो अपनी प्रवृत्ति से बाज नहीं आता. रालोद पर करारा प्रहार करते हुए सीएम ने कहा कि लोकदल दाल में तड़का का काम कर रही थी. उन्होंने कहा कि सपा सरकार में नंगा नाच और नंगताण्डव होता था. सीएम ने कहा कि उन्होंने इससे पहले कहा था गर्मी हटकर सर्दी आ जाएगी.
इधर खतौली उपचुनाव में बाहुबली और परदेसी शब्द की भी ख़ूब चर्चा हो रही है. खतौली में बीते दिनों उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने जनसभा को संबोधित करते हुए गीत गाया था. जिसके बोल थे कि तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे? पांच दिसंबर को पहली गाड़ी से अपने घर लौट जाओगे. उन्होंने कहा था कि खतौली में यही कहावत चरितार्थ होने वाली है. इस पर कार्यकर्ताओं ने तालियां बजाकर जोशीले नारे लगाए.
केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने विपक्षी प्रत्याशी पर करारा प्रहार करते हुए कहा था कि ऐसे लोगों को बाहुबली कहते हैं, जिनके खिलाफ लूट, चोरी, डकैती, अपहरण और राहजानी के 50 मुकदमे हैं. इस तरह के बाहुबली तो मुजफ्फरनगर की गलियों में रहते थे. अपराधी प्रवृत्ति के लोग समाज के लिए कैंसर है उनका इलाज प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री कर रहे हैं.
उधर रालोद मुखिया जयंत चौधरी भी अपने ही अंदाज़ में बीजेपी पर शाब्दिक व्यंग्य वाण चला रहे हैं. दाल का तड़का वाले बयान पर जयंत ने कहा कि वो घी का तड़का हैं. उन्होंने कहा कि जनता के वास्तविक मुद्दे की बात नहीं हो रही हैं. मनगढंत बातों से क्षेत्र का नुक़सान हो रहा है. गर्मी शब्द को लेकर जयंत ने कहा कि गर्मी तो है, मुझे तो बुखार भी हो रहा है.
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