मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कथित मामले में महीनों से तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन का एक वीडियो सामने आया है, जिससे उनकी मुसीबत और बढ़ गई है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में तिहाड़ जेल में बंद सत्येंद्र जैन जेल में ही आराम से मालिश करवाते नजर आ रहे हैं.
इस वीडियो के सामने आने के बाद भाजपा ने आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है. सत्येंद्र जैन के मसाज कराते वीडियों पर भाजपा ने कहा कि ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल ने अपराधियों के लिए तिहाड़ जेल में मसाज पार्लर खोल दिया है.
दरअसल, वायरल वीडियो में सत्येंद्र जैन जेल में ही मसाज का लुत्फ उठा रहे हैं. वायरल वीडियो में सत्येंद्र जैन मसाज कराते दिख रहे हैं. उनके आसपास कई लोग हैं, जो उनकी खिदमत करते भी देखे जा सकते हैं.
यह जेल के सीसीटीवी फुटेज का ही वीडियो है, जो अब जाकर वायरल हुआ है. जेल सूत्रों का कहना है कि यह वीडियो सितंबर महीने का है. बता दें कि सत्येंद्र जैन अब तक बर्खास्त नहीं हुए हैं और वह अब भी बिना किसी पोर्टफोलियों के मंत्री हैं.
वीडियो में सत्येंद्र जैन अलग-अलग टीशर्ट में दिख रहे हैं. वीडियो से साफ है कि जैन को जेल में वीवीआईपी सुविधाएं मिलती दिख रही हैं. भाजपा के हरीश खुराना का कहना है कि जेल में जैन को पीने के लिए मिनरल वाटर मिलता है, इसके भी सबूत दिख रहे हैं. जैन से कई लोग मिलने भी आते हैं.
वहीं, तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक, तिहाड़ प्रशासन के संज्ञान में यह वीडियो आया था, जिस पर एक्शन लेकर संबंधित अधिकारियों और जेल स्टाफ पर कार्रवाई हो चुकी है. इस वीडियो के सामने आने पर भाजपा एक बार फिर आम आदमी पार्टी पर हमलावर हो गई है.
भाजपा के शहजाद पूनावाला ने कहा कि केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को मंत्री बनाए रखा है. 5 महीने से सत्येंद्र जैन को बेल नहीं मिली है. बार-बार बेल रिजेक्ट की गई है. आज पता चला है कि क्यों केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को मंत्री बनाए रखा है, ताकि उनको वीवीआईपी सुविधा मिल सके, वो अपना मसाज करा सके, वो आलीशान तरह से रह सके, हेड और फुट मसाज करा सके. मानो तिहाड़ जेल के अंदर इस तरह के अपराधियों के लिए अरविंद केजरीवाल ने मसाज पार्लर खोल रखा हो.
बता दें कि बीते दिनों ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में आरोप लगाया था कि सत्येंद्र जैन दिल्ली की तिहाड़ जेल में ऐश की जिंदगी जी रहे हैं, जिससे जुड़े ये तमाम सबूत कोर्ट में भी दिए गए थे.
इसके बाद ही एलजी के आदेश पर एक जांच कमेटी गठित की गई और इस सिलसिले जेल नम्बर 7 के सुपरिटेंडेंट अजित समेत 58 अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया था.