बिहार के उपमुख्यमंत्री और लालू के छोटे लाल तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढती दिख रही हैं. आईआरसीटीसी घोटाले में तेजस्वी की जमानत रद्द करवाने के लिए सीबीआई कोर्ट पहुंच गई है. सीबीआई ने दावा किया है कि तेजस्वी यादव ने अधिकारियों के धमकाया है, इसलिए उनकी जमानत रद्द की जाए.
सीबीआई ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सीबीआई अधिकारियों को धमकी दी थी, जिससे मामला प्रभावित हुआ. वहीं कोर्ट ने सीबीआई की इस मांग पर तेजस्वी को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है.
क्या कहा था तेजस्वी ने
पिछले महीने पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस को में तेजस्वी यादव ने कहा था- “क्या सीबीआई अधिकारियों की मां और बच्चे नहीं हैं? क्या उनका परिवार नहीं है? क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे? क्या वे सेवानिवृत्त नहीं होंगे? क्या केवल यही पार्टी सत्ता में रहेगी? आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आप संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करें.”
बता दें कि तेजस्वी यादव ने राजद के कई नेताओं के घरों पर सीबीआई द्वारा नौकरियों के बदले जमीन मामले में छापेमारी के बाद यह प्रेस कांफ्रेंस किया था.
क्या है आरोप
लालू परिवार पर आरोप है कि जब लालू यादव रेलमंत्री थे तब आईआरसीटी के दो होटलों को ठेके पर दिया गया था. इसी में खेल हुआ है. जिस कंपनी को होटल मिला था, उसने प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी को 32 करोड़ की दो एकड़ जमीन मिली थी. बाद में ये कंपनी लालू यादव को ट्रांसफर कर दी गई.