सीबीआई ने टीएमसी के बड़े नेता अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया है. पशु तस्करी मामले में मंडल की गिरफ्तारी गुई है. उन्हें बुधवार को जांच एजेंसी को पेश होना था लेकिन वह पेश नहीं हुए. मंडल बीरभूम के टीएमसी जिलाध्यक्ष हैं.
बताया जा रहा है कि इस केस में मंडल सीबीआई का सहयोग नहीं कर रहे थे औह वह जांच एजेंसी को चकमा दे रहे थे. मंडल की गिरफ्तारी टीएमसी को एक बड़ा झटका है. उसके दूसरे बड़े नेता पार्थ चटर्जी पहले से ही ईडी की गिरफ्त में हैं. अब मंडल पर सीबीआई की कार्रवाई हुई है. अनुब्रत के पास 49 संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं. सीबीआई का कहना है कि अनुब्रत पशु तस्करों के संपर्क में थे. मंडल बंगाल सरकार में मंत्री तो नहीं हैं लेकिन वह ममता के करीबी नेताओं में से एक हैं.
सीबीआई ने मंडल से कहा था कि अगर बुधवार को उसके सामने पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. बावजूद इसके वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए. गुरुवार सुबह सीबीआई की टीम अर्धसैनिक बलों के साथ उनके घर पहुंची और फिर उन्हें गिरफ्तार किया. जांच एजेंसी ने कोर्ट से मंडल की गिरफ्तारी का अरेस्ट वारंट भी निकलवाया था. इस अरेस्ट वारंट के साथ वह मंडल के घर पहुंची.
टीएमसी के दोनों नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई हुई है. बताया जा रहा है कि गोतस्करी मामले में सीबीआई ने मंडल से दस्तावेज जमा करने के लिए कहा था लेकिन वह मेडिकल ग्राउंड का बहाना बनाकर जांच एजेंसी के सामने आने से बच रहे थे. पेशी के लिए सीबीआई उन्हें कम से कम 10 बार समन जारी कर चुकी थी. समझा जाता है कि मंडल की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाएगी.