बुधवार को राष्ट्रगान अपमान मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी को राहत देने से इनकार कर दिया है. जस्टिस अमित बोरकर की एकल पीठ ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और ममता बनर्जी की याचिका खारिज कर दी.
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर साल 2021 में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान के कथित तौर पर अपमान के आरोप लगे थे. इसे लेकर ममता बनर्जी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी.
भाजपा पदाधिकारी विवेकानंद गुप्ता की मार्च 2022 में की गई शिकायत के आधार पर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने ममता बनर्जी को समन जारी किया था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ जारी समन को विशेष सांसद/विधायक अदालत में चुनौती दी थी. जिस पर एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश ने प्रक्रियागत आधार पर समन को दरकिनार कर दिया और मजिस्ट्रेट से गुप्ता की शिकायत पर नए सिरे से विचार करने को कहा था.
हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में ममता बनर्जी ने कहा कि सत्र अदालत को समन को हमेशा के लिए रद्द कर देना चाहिए था, ना की मामले को वापस मजिस्ट्रेट के पास भेजना चाहिए था. ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बोरकर ने माना कि सत्र अदालत के आदेश में अवैधता थी लेकिन उच्च न्यायालय को इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है.
शिकायत में दावा किया गया है कि दिसंबर 2021 में मुंबई में यशवंतराव चव्हाण ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान बजने पर भी ममता बनर्जी बैठीं रही थी. इसके बाद अचानक से उठीं और दो पक्तियां गाने के बाद अचानक चुप हो गईं और वहां से चली गईं.