देश के नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले सियासत बेहद गर्म है. कांग्रेस सहित कई विरोधी पार्टियों ने उद्घाटन का बहिष्कार किया है. इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी नए संसद भवन के निर्माण पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कहा है कि दूसरा संसद भवन बनाने की जरूरत क्या थी? कल जो दिल्ली में कार्यक्रम हो रहा है वो बेकार कार्यक्रम है.
उसका कोई मतलब नहीं है. यह लोग इतिहास बदलने की कोशिश कर रहे हैं, पूरा इतिहास बदल देंगे. हम तो पहले ही से कर रहे हैं कि पूरे इतिहास को बदलने में लगे हुए हैं. वहीं नीतीश कुमार ने उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को नहीं बुलाने को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि देखिए देश में क्या क्या हो रहा है.
बता दें, आज दिल्ली में नीति आयोग की बैठक होने वाली है, जिसमें नीतीश कुमार शामिल नहीं हो रहे हैं. वहीं बिहार सरकार के प्रतिनिधि मंडल को भी शामिल होने की अनुमति नहीं मिली. इस पर उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक की जब सूचना मिली थी तो हमने कह दिया था. उस दिन हमारा कार्यक्रम है अगर बैठक का समय बढ़ा दिया जाता तो मैं भी शामिल होता. लेकिन, समय नहीं बदला. लेकिन, मैंने आग्रह किया था कि हमारे प्रतिनिधि मंडल को बैठक में शामिल होने दिया जाए, लेकिन उन लोगों ने नहीं माना.
नीतीश कुमार ने कहा कि अगर मैं बैठक में जाता तो विशेष राज्य के दर्जे के बारे में पूछता कि विशेष राज्य के दर्जे का क्या हुआ, विशेष सहायता का क्या हुआ. अगर विशेष का दर्जा मिलता है तो निश्चित तौर पर बिहार और विकास करता. नीतीश कुमार से जब पूछा गया कि बीजेपी कह रही है कि आप विधानसभा भवन का जो विस्तारित भवन बनाए थे, उसमें आपने राजपाल को कोई नहीं बुलाया. इस पर उन्होंने कहा कि वह विधानसभा का भवन नहीं था विस्तारित भवन था और जो लोग तब मेरे साथ में थे वो लोग भूल गए.
नीतीश कुमार ने कहा कि वे लोग इसलिए भूल गए हैं कि जो शासन कर रहा है शायद इतिहास को बदलना चाहते हैं. वहीं विपक्षी एकता को लेकर उन्होंने कहा कि सभी लोगों से बातचीत हो गई है. हम जल्द बताएंगे. वहीं नीतीश कुमार ने 2000 के नोट बदलने पर भी सवाल खड़ा किया है.