वर्ष 2025 की शुरुआत में बिहार पॉलिटिक्स में उथल-पुथल होने की सुगबुगाहट लेकर आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से नाराज हैं, इसलिए वे एनडीए से अलग हो सकते हैं. तो क्या सच में एनडीए से अलग होंगे नीतीश कुमार? इस सवाल को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा गरमाई हुई है. दरअसल, कुछ ऐसे संकेत मिल रहे हैं, जिनसे ऐसा लग रहा है कि वे मकर सक्रांति के बाद बिहार की सियासत में बड़ा गेम कर सकते हैं.
पहला संकेत: बीजेपी से कथित नाराजगी
नीतीश कुमार के बीजेपी से कथित नारागजी की खबरें सुर्खियों में छाई हुई हैं. उधर, इंडिया ब्लॉक की उम्मीदों की पंख लगे हुए हैं उसको लगता है कि नीतीश वापसी करेंगे. इंडिया ब्लॉक शामिल RJD भी नीतीश कुमार पर नजरें गड़ाए हुए है.
दूसरा संकेत: मीडिया से नहीं कर रहे बात
नीतीश कुमार काफी समय मीडिया से मुखातिब नहीं हो रहे हैं. जब-जब वे चुप होते हैं, तब-तब बिहार की सियासत में कोई बड़ा खेला हुआ है. इस बार उनके बीजेपी से नाराज की चर्चा है, जिसने उनके एनडीए से अलग होने के सवाल को जन्म दिया है.
तीसरा संकेत: बीजेपी नेताओं से नहीं मिले
नीतीश कुमार ने हाल ही में दिल्ली में दिवंगत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के परिजनों से मुलाकात की थी. अपने दिल्ली दौरे के दौरान नीतीश किसी भी बीजेपी नेता से नहीं मिले थे.
चौथा संकेत: शाह की बैठक में नहीं शामिल
हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह ने एक बैठक का आयोजन किया था. इसमें आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू शामिल हुए थे, लेकिन नीतीश कुमार नहीं. हालांकि, आप जानते ही हैं कि नीतीश और नायडू दोनों की ही केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने में कितनी बड़ी भूमिका है.
पांचवां संकेत: सीटें देने से बीजेपी का इनकार
दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. नीतीश की पार्टी जेडीयू भी चुनावी रण में उतर सकती है. खबरें है कि बीजेपी प्रदेश इकाई ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जेडीयू को सीटें देने से इनकार कर दिया है.