लगातार अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले बिहार की नीतीश कुमार सरकार में कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने यह इस्तीफा नीतीश कुमार की नाराजगी के बाद दिया है. सुधाकर सिंह ने रविवार को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अपना इस्तीफा सौंपा है.
उन्होंने कहा था मेरे विभाग में चोर हैं और मैं उन चोरों का सरदार. अपने बयानों को लेकर वो लगातार विवादों में चल रहे थे. महागठबंधन की सरकार में 32 दिन में ये दूसरे मंत्री का इस्तीफा है. दोनों ही राजद कोटे के मंत्री थे.
इससे पहले 31 अगस्त को पूर्व कानून मंत्री कार्तिक सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया था. वो अपहरण के एक केस में कोर्ट की नजर में फरार थे. अब कृषि मंत्री ने अपना त्याग पत्र दिया है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि बिहार के कृषि मंत्री ने अपना त्याग पत्र बिहार सरकार को दे दिया है.
हम नहीं चाहते हैं कि कोई लड़ाई आगे बढ़े. किसान और जवान की भूमिका को कभी नकारा नहीं जा सकता है. आज के दिन बिहार के कृषि मंत्री ने अपना त्याग पत्र भेज दिया है ताकि सरकार अच्छी तरह से चल सके. सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि दूसरे ओवर यानी 2 महीने के भीतर दूसरा विकेट गिर गया.
अभी नीतीश कुमार की और फजीहत होनी बाकी है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार में किसान परेशान है. उन्होंने कृषि विभाग के भ्रष्टाचार को उठाया था. सरकार में अफसरशाही हावी है. बता दें कि बिहार सरकार में कृषि मंत्री रहे सुधाकर सिंह ने पिछले कुछ हफ्तों से कई ऐसे बयान दिए जिससे वह चर्चा में रहे.
उन्होंने अपने ही विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था. सुधाकर सिंह ने यह बयान देते हुए विवाद खड़ा कर दिया था कि उनके विभाग के सारे अधिकारी चोर है और इस विभाग के प्रमुख होने के नाते वह चोरों के मुखिया हैं.
सुधाकर सिंह ने यह भी कहा था कि हमारे ऊपर भी कई सरदार मौजूद है और यह वही पुरानी सरकार है और इसके चाल चलन पुराने हैं. सुधाकर सिंह ने जनता से आग्रह करते हुए कहा था कि सरकार को लगातार आगाह करते रहना होगा.
जब सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया था, उस दौरान भी उनके ऊपर काफी सवाल उठे थे. दरअसल सुधाकर सिंह के ऊपर चावल घोटाले का मामला दर्ज है. यह चावल घोटाला 2013-14 में हुआ था. उन पर आरोप है कि उन्होंने चावल जमा नहीं करवाए थे बल्कि गबन कर गए थे. रामगढ़ थाने में उन पर केस हुआ था.