लोकसभा चुनाव की तारीखों को लेकर कभी ऐलान हो सकता है. यही वजह है कि राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों को धार देने में जुटे हैं. इस बीच पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता तापस रॉय ने पार्टी को बाय-बाय कर दिया है. तापस रॉय ने ऐसे वक्त पर पार्टी छोड़ी है जब लोकसभा चुनाव मुहाने पर खड़ा है. इसे ममता बनर्जी के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है.
टीएमसी से इस्तीफे को लेकर तापस रॉय ने कहा है मैंने विधायक पद से अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि अब एक स्वतंत्र पंछी की तरह उड़ना चाहता हूं. रॉय ने पार्टी छोड़ने के पीछे ईडी को बड़ी वजह बताया. हालांकि उनका कहना था ‘जब जनवरी में मेरे दफ्तर और आवास पर ईडी ने छापेमारी की थी तब पार्टी मेरा साथ खड़ी नहीं हुई थी. लिहाजा मैं टीएमसी से अलग हो रहा हूं.’
तापस रॉय ने पार्टी छोड़ने के साथ ही तृणमूल कांग्रेस की अलोचना भी की. उन्होंने कहा कि, टीएमसी अपने ही नेताओं का साथ खड़ी नहीं रहती है. बता दें कि तापस पिछले लंबे समय से ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व या यूं कहें ममता बनर्जी से नाराज चल रहे थे. बताया जाता है कि ममता बनर्जी ने उनकी अनदेखी की है. हालांकि राज्य सरकार में तापस रॉय मंत्री पद पर भी रहे हैं.
इससे पहले तापस रॉय को टीएमसी नेताओं मनाने की भी घोषणा की थी. इस दौरान टीएमसी नेता कुणाल घोष और ब्रत्य बसु ने उनके घर जाकर उनसे मुलाकात की थी. इन दोनों ही नेताओं ने तापस रॉय को मनाने की कोशिश भी की, लेकिन तापस रॉय नहीं माने और उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.