2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ‘आप’ के सामने बड़ी मुश्किलें, जानिए केजरीवाल क्या डर सता रहा!

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. ‘एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई’ वाली स्थिति है. पार्टी के दो वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से ही ईडी की हिरासत में हैं. अब प्रवर्तन निदेशालय ने ‘आप’ के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी तलब कर लिया है.

दिल्ली सीएम केजरीवाल को पीएमएलए के तहत समन जारी किया गया है और 2 नवंबर को ईडी ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में कई बार केजरीवाल के नाम का जिक्र किया है. कहा है कि दिल्ली की विवादित आबकारी नीति-2021-22 को तैयार करने और लागू करने के संबंध में आरोपी आम आदमी पार्टी (आप) के तमाम नेता, केजरीवाल के संपर्क में थे.

यह नीति अब रद्द की जा चुकी है. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब केजरीवाल को समन मिला है. इस मामले में सीबीआई भी उनसे पूछताछ कर चुकी है.

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने कहा था कि मामले में अस्थायी तौर पर 338 करोड़ रुपये के हस्तांतरण की पुष्टि हुई है. अदालत ने यह भी कहा कि अगर सुनवाई की कार्यवाही में देरी होती है तो सिसोदिया 3 महीने में इन मामलों में जमानत के लिए फिर आवेदन कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ऐसा लगता है कि सिसोदिया को कम से कम जनवरी तक राहत मिलती नहीं दिख रही है.

दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री करीब 8 महीने से सलाखों के पीछे हैं. 26 फरवरी को सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित भूमिका के लिए सिसोदिया को गिरफ्तार किया. बाद में 9 मार्च को ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग केस में सिसोदिया को गिरफ्तार किया.

यही हाल संजय सिंह का भी है. दिल्ली आबकारी नीति मामले में ही गिरफ्तार संजय सिंह 10 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं. पिछले हफ्ते ही उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई थी. ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है.

सिसोदिया और संजय सिंह, दोनों आम आदमी पार्टी की धुरी और अरविंद केजरीवाल के दाहिने हाथ माने जाते हैं. राजनीतिक जानकार कहते हैं कि मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ऐसा नेता थे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर आप की रणनीतियों को अंतिम रूप दे रहे थे. यही दोनों नेता, अरविंद केजरीवाल को सलाह और सुझाव भी दे रहे थे.

खासकर संजय सिंह विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट शेयरिंग और दूसरे फार्मूले पर नेगोशिएशन वगैरह का काम देख रहे थे. दोनों नेताओं के जेल जाने और अब अरविंद केजरीवाल को तलब करने के बाद आप के सामने ‘इधर कुआं, उधर खाई’ जैसी स्थिति खड़ी हो गई है. पार्टी तय नहीं कर पा रही है कि पहले अपने नेताओं को बचाए, या 2024 चुनाव की तैयारी करे.

आम आदमी पार्टी, 2024 में खासकर दिल्ली को लेकर बहुत उत्साहित थी. उसे पूरी उम्मीद है कि कुछ सीटें अपने नाम करेगी. लेकिन ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई से पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 7 लोकसभा सीटें हैं और सब पर बीजेपी का कब्जा है.

आम आदमी पार्टी को डर है कि अरविंद केजरीवाल भी जेल जा सकते हैं. खुद आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सीएम को ईडी ने जिस तरीके से नोटिस दिया है, उससे स्पष्ट है कि बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार आम आदमी पार्टी (आप) को खत्म करना चाहती है.






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