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महाराष्ट्र संकट: शिवसेना विधायकों की बगावत के बीच बिस्वा सरमा का उद्धव ठाकरे को ऑफर, कहा-आप छुट्टी मनाने आएं असम

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असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

एकनाथ शिंदे समेत नाराज शिवसेना विधायक अपने समर्थकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. हालांकि, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को इस खबर की जानकारी नहीं है. असम के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार का महाराष्ट्र के विधायकों से कोई लेना-देना नहीं है.

हिमंत बिस्वा सरमा ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, असम में कई अच्छे होटल हैं. कोई भी आ सकता है और वहां रह सकता है. इसमें कोई समस्या नहीं है. मुझे यह भी नहीं पता कि महाराष्ट्र के विधायक असम आए हैं या नहीं. विधायक अन्य राज्यों से भी असम आ सकते हैं.

इसके अलावा सरमा ने कहा कि देश में जितने विधायक हैं मैं उनको असम में आने के लिए आमंत्रित करता हूं. मुझे नहीं पता कि कब महाराष्ट्र में सरकार बनेगी लेकिन वह (विधायक) जितने दिन भी रहेंगे वह मेरे लिए खुशी की बात है. मैं उद्धव ठाकरे जी को भी छुट्टियों के लिए बुलाना चाहता हूं.

बता दें कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार गिरने की कगार पर है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे अन्य नेताओं के साथ गुवाहटी के एक होटल में डेरा जमाए हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे के पास शिवसेना के बागी 37 विधायकों का समर्थन है. कुल मिलाकर 42 विधायकों का समर्थन शिंदे के पास है.

बता दें कि पूरे देश में दिन भर मीडिया में खबरें और तस्वीरें दिखाई जा रही हैं. हालांकि, असम के मुख्यमंत्री को यह खबर नहीं मिली है कि शिवसेना के विधायक असम में हैं. इसी बीच महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के संकट के मद्देनजर भाजपा पर हेराफेरी के आरोप सामने आने लगे हैं.

महाराष्ट्र के बागी विधायकों के असम पहुंचने के बाद उनके लिए पुलिस सुरक्षा का भी इंतजाम किया गया था. उसके बाद भी असम के मुख्यमंत्री के दावे को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं.

डिप्टी स्पीकर से 17 विधायकों को बर्खास्त करने की अपील बता दें कि अपनी सरकार बचाने को बेताब उद्धव ठाकरे ने डिप्टी स्पीकर से 17 विधायकों को बर्खास्त करने की अपील की है. असम सरकार के एक मंत्री को भी शिवसेना के नाराज विधायकों के होटल में देखा गया.

विपक्ष बीजेपी पर महाराष्ट्र में सरकार गिराने की साजिश करने का भी आरोप लगा रहा है. सवाल यह है कि क्या असम के मुख्यमंत्री ने इस स्थिति में पार्टी और सरकार की छवि बचाने के लिए ऐसा दावा किया है.



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