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आरएसएस चीफ के बयान पर भड़के ओवैसी बोले- मुगलों से हमारा क्या रिश्ता

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एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक हालिया बयान पर आड़े हाथों लिया. सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिका में सोमवार (12 जून) को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि ये बार-बार जो आरएसएस की तरफ से बोला जाता है कि मुसलमान भारत में ही सुरक्षित हैं तो ये बोलने वाले आप कौन होते हैं.

ओवैसी ने कहा, ‘ये तो संविधान है. संविधान है तो हम सुरक्षित हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘आप हमें आक्रमणकारी बोलते हैं. अगर आक्रमणकारी हैं तो आर्यन हैं. ये मुल्क किसी का है तो आदिवासियों और द्रविड़ों का है. मानव विज्ञानियों से इसकी पुष्टि की है. खुद बाल गंगाधर तिलक ने कहा कि हम ब्राह्मण लोग आर्कटिक से आए थे.’

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया गया है. इस वीडियो में आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान के कुछ हिस्से दिखाए गए हैं. वीडियो में मोहन भागवत कहते हैं, ‘पूरी दुनिया में इस्लाम का आक्रमण हुआ. स्पेन से मंगोलिया तक छा गया. धीरे-धीरे कालांतर में वहां के लोग जागे, उन्होंने आक्रमणकारियों को परास्त किया तो अपने कार्यक्षेत्र में इस्लाम सिकुड़ गया.’

मोहन भागवत ने आगे कहते दिखते हैं, ‘सबने सब बदल दिया. अब विदेशी तो यहां से चले गए, लेकिन इस्लाम की पूजा यही सुरक्षित चलती है. कितने दिन, कितने शतक हुए, ये चल रहा है सहजीवन.’

असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषण में कहा, ‘मुसलमान यहां पर थे. अभी आरएसएस के चीफ का बयान आया कि इस्लाम जो है, वहां पर गया खत्म हो गया. मगर कहीं पर सुरक्षित है तो भारत में हैं.’

उन्होंने कहा, ‘आप कौन होते हैं सुरक्षित बोलने वाले. ये तो संविधान है. संविधान है तो हम सुरक्षित हैं. फिर आप हमें आक्रमणकारी बोलते हैं. अगर आक्रमणकारी हैं तो आर्यन हैं. ये मुल्क किसी का है तो आदिवासियों और द्रविड़ों का है. मानव विज्ञानियों से इसकी पुष्टि की है. खुद बाल गंगाधर तिलक ने कहा कि हम ब्राह्मण लोग आर्कटिक से आए थे.’

ओवैसी ने आगे कहा, ‘आप हमें आक्रमणकारी बोलते हैं. आक्रमणकारी तो सब बन चुके हैं. अब आरएसएस और बीजेपी कहती है औरंगजेब जिम्मेदार है, अकबर जिम्मेदार है. बाबर जिम्मेदार है. आप कहां जा रहे हैं. अगर वो जिम्मेदार हैं तो मैं कैसे जिम्मेदार हूं.’

एआईएमआईएम चीफ ने कहा, ‘हमारा उनसे क्या ताल्लुक है. जब आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी, तब इन सब की बात नहीं की गई थी. मगर आजादी का अमृत उत्सव भी मनाएंगे और फिर इन तमाम चीजों को भी बोलेंगे.’




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