2024 में आम चुनाव होने है जिस के लिए विपक्षी दल धर्मनिरपेक्षता, बेरोजगारी, महंगाई के नाम पर मोर्चा बनाने में जुट गए हैं. लेकिन एआईएमआईएम के मुखिया ने कहा कि जो लोग धर्मनिरपेक्षता के नाम पर एकजुट होने की बात कर रहे हैं वो इतिहास में किस दल के साथ जुड़े हुए थे.
एआईएमआईएम के मुखिया ने आगे कहा लेकिन विपक्षी नेता ही एकदूसरे को टक्कर दे रहे हैं. हाल ही में जब नीतीश कुमार और ममता बनर्जी ने धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर एक साथ आने की अपील की गई तो असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आखिर पाखंड क्यों किया जा रहा है.
एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब हम अल्पसंख्यक समाज के विकास की बात करते हैं, उनके लिए न्याय की गुहार लगाते हैं तो हम लोगों के बारे में बकवास बयान दिए जाते हैं. यह तो एक तरह का पाखंड है कि जो लोग खुद को धर्मनिरपक्ष होने का विशेषज्ञ बताते हैं वो अब बताएंगे कि कौन धर्मनिरपेक्ष और कौन सांप्रदायिक है. देश देख रहा है.
नीतीश कुमार जब मुख्यमंत्री बने वो बीजेपी के साथ थे. गोधरा कांड जब हुआ तो वो बीजेपी के साथ थे. 2015 में बीजेपी का साथ छोड़ दिया. 2017 में वापस आ गए.
2019 का चुनाव उन्होंने नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने के लिए साथ लड़ा. अब वो एक बार फिर साथ छोड़ चुके हैं. वही हाल ममता बनर्जी के साथ है. वो भी पहले एनडीए का हिस्सा रह चुकी हैं और आरएसएस की प्रशंसा करती रही हैं.