एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर विवादित और भड़काऊ बयान दिया है… ओवैसी ने कहा कि भारत में मुसलमान महफूज यानी सुरक्षित नहीं है. ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों की बेइज्जती होती है और गौ रक्षकों को आज़ादी मिलती है.
ओवैसी ने एक बार फिर पीएम मोदी पर अटैक किया और सवाल किया कि प्रधानमंत्री अपने लाल किले के भाषण में मुल्क के मजलूमों का ज़िक्र करेंगे? ओवैसी ने कहा कि देश की आजादी में योगदान देने वाले मुस्लिमों को भी प्रधानमंत्री को याद करना चाहिए.
ओवैसी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘शेख उल हिंद महमूद उल हसन को जेल की कोठरी में नहीं बल्कि जेल के पास एक टेंट लगा दिया गया और बोला गया है कि इसी में रहो. तीन दिन में एक बार बाहर निकलने की इजाजत होती थी. आप सोचिए कि कोई तीन दिन टेंट में रह सकता है, एक बार टहलने की इजाजत होती थी.
बाद में कुछ रहमी बरती गई और फिर शेख उल हिंद महमूद उल हसन को मालदा की जेल में रखा गया. मेरे अजीज दोस्तों आज भी मालदा के लिए कोई डायरेक्ट फ्लाइट नहीं है. झांसी की रानी को तो याद किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं खुदा बख्श (सेना के इंचार्ज) उनकी सेवा करते हुए शहीद हो गए थे.’
ओवैसी यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा, ‘भटकनिया अंसारी कौन थे? वे महात्मा गांधी के लिए खाना बनाते थे. अंग्रेजों ने उन्हें महात्मा गांधी के भोजन में जहर देने के लिए कहा. लेकिन ‘वह दौड़ता हुआ आया और गांधी से कहा कि वह खाना ना खाएं लेकिन, आप देखिए महात्मा गांधी को गोली मारने वाले कौन लोग थे. उन्होंने आगे कहा कि भारत की आजादी के लिए शहीद हुए पहले पत्रकार मोहम्मद मौलवी बकर थे, उनकी हत्या अंग्रेजों ने