वक्फ बोर्ड बिल के मुद्दे पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा कि, ‘मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता छीनना चाहती है और इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है. यह अपने आप में धर्म की आजादी के खिलाफ है.’ वहीं इस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का भी रिएक्शन सामने आया है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड पर बिल लाने की तैयारी में है, जो कल यानी सोमवार को संसद में पेश हो सकता है.
ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, ‘सबसे पहले जब संसद सत्र चल रहा है, तो केंद्र सरकार संसदीय सर्वोच्चता और विशेषाधिकारों के खिलाफ काम कर रही है, क्योंकि वो वक्फ बोर्ड बिल को लेकर मीडिया को जानकारी दे रही है, लेकिन संसद को नहीं.’
ओवैली ने आगे कहा, ‘बीजेपी शुरू से ही इन बोर्डों और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ रही है. उनका हिंदुत्व एजेंडा है. अब अगर आप वक्फ बोर्ड की स्थापना और संरचना में संशोधन करते हैं, तो प्रशासनिक अराजकता होगी, वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म होगी और अगर सरकार का कंट्रोल वक्फ बोर्ड पर बढ़ता है, तो वक्फ की स्वतंत्रता प्रभावित होगी.’
वहीं, इस मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की भी रिएक्शन आया है. उन्होंने कहा, ‘फिलहाल हमें नहीं लगता कि इस वक्फ अधिनियम में किसी तरह के संशोधन की जरूरत है और अगर सरकार को लगता है कि कोई जरूरत है तो सरकार को कोई भी संशोधन करने से पहले हितधारकों से सलाह लेनी चाहिए और उनकी राय लेनी चाहिए. सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि वक्फ की करीब 60% से 70% संपत्तियां मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों के रूप में हैं.’