ताजा हलचल

अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर मांगी माफी, खत में किया खेद-क्षमा के साथ जुबां फिसलने का जिक्र

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी
Advertisement

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर खेद और क्षमा दोनों मांगी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के लिए जो शब्द वो इस्तेमाल किए वो सिर्फ जुबां फिसलने की वजह से थी.

उन्होंने खत लिख कर जिक्र किया है कि वो खत के जरिए उस शब्द के लिए खेद प्रगट करते हैं जिसका इस्तेमाल किया था. वो भरोसा दिलाते हैं कि वह सिर्फ जीभ फिसलने वाली बात थी. वो उस गलती के लिए माफी मांगते हैं और अनुरोध करते हैं कि उनकी क्षमा को स्वीकार करें.

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा 28 जुलाई को राष्ट्रपति को लेकर दिए गए बयान पर हंगामा जारी है.दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ बोल दिया था. हालांकि, बाद में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी. लेकिन इस बयान को लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है.

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और अन्य भाजपा सांसदों ने न केवल अधीर रंजन चौधरी से बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी माफी मांगने को कहा था. देश के राष्ट्रपति को लेकर दिया गया यह बयान अब बड़े विवाद का रूप ले रहा है.

देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के बारे में चौधरी की अपमानजनक टिप्पणी देश में राजनीतिक विमर्श के स्तर में गिरावट को दर्शाती है. रैलियों और मीडिया बातचीत के दौरान राजनेताओं द्वारा व्यक्तिगत हमले और अभद्र भाषा का उपयोग आम हो गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सोनिया गांधी के बयान में जहां मौत का सौदागर जैसे शब्द शामिल होते हैं, तो वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी पीएम मोदी को कायर और मनोरोगी कहकर उनपर हमला करते हैं.

इनके अलावा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पीएम मोदी दीदी ओ दीदी संबोधित करके टिप्पणी करते हैं. यह कुछ उदाहरण जो देश में राजनीतिक विमर्श के स्तर में गिरावट को प्रदर्शित करते हैं.


Exit mobile version