निर्वाचन आयोग (ईसी) ने बुधवार को कहा कि वह आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय दर्जा देने के मामले पर विचार कर रहा है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने इस मामले में सवाल किए जाने पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इसकी समीक्षा की जा रही है… हम इस मामले पर जल्द ही आपको जवाब देंगे.’’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के पिछले साल के चुनावी प्रदर्शन ने निर्वाचन आयोग द्वारा उसे राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दिए जाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया था.
चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के अनुसार, राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए राजनीतिक संगठन को चार राज्यों में राज्य की पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त होनी चाहिए और संबंधित विधानसभाओं में उसके कम से कम दो सदस्य होने चाहिए.
राज्य की पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त करने के योग्य बनने के लिए किसी राजनीतिक दल को दो सीट जीतनी होती हैं और राज्य में न्यूनतम छह प्रतिशत मत हासिल करने होते हैं. राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए अन्य मापदंड भी हैं.
‘आप’ को राज्य की पार्टी के रूप में दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में मान्यता प्राप्त है. आप’ ने पंजाब की 117 विधानसभा सीट में से 92 सीट पर कब्जा कर पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज हासिल की थी. उसे पंजाब में पहले से ही राज्य पार्टी का दर्जा प्राप्त था.
पार्टी ने गोवा में दो सीट जीतीं और 6.77 प्रतिशत मत हासिल किए. इससे ‘आप’ ने गोवा में भी राज्य की पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त की.
‘आप’ की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा को उस समय पंख लग गए, जब उसने 2022 के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव में पांच सीट जीतीं और कुल 13 प्रतिशत मत हासिल किए, जो ‘आप’ को राज्य की पार्टी के रूप में मान्यता देने के लिए पर्याप्त है.