सिग्नेचर विवाद मामले में आम आदमी पार्टी के सांसद और युवा नेता राघव चड्ढा ने अपना ट्विटर बायो बदल लिया है. अब उनके ट्वीटर हैंडल पर राघव चड्ढा सांसद की जगह अब संस्पेंडेड एमपी लिखा आ रहा है. यह कदम उन्होंने राज्यसभा के सभापति व देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा सिग्नेचर विवाद मामला पर विशेषाधिकार कमेटी के गठन करने और एक दिन पहले खुद के निलंबन के बाद उठाया है.
आप और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सस्पेंशन के बाद एक वीडियो जारी करते हुए सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और केंद्र सरकार से पूछा है कि आखिर मेरा मेरा अपराध क्या है? इसके आगे उन्होंने पूछा, ‘क्या मेरा अपराध यह है कि मैंने दिल्ली सेवा बिल पर अपनी बात रखते हुए भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े नेताओं से न्याय की मांग की? उन्हें बीजेपी का पुराना घोषणा पत्र दिखाकर वादे पूरा करने को कहा? या ये मान लूं कि उन्हें ये डर सताने लगा है कि एक 34 साल के युवा संसद ने सदन में आंख में आंख डालकर सवाल कैसे पूछ लिया?
बता दें कि दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर 19 मई को केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने के बाद से राघव चड्ढा लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं. मानसून सत्र के दौरान उन्होंने राज्यसभा के अंदर और बाहर केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं.
चाहे मसला मणिपुर विवाद से जुड़ा हो या दिल्ली अध्यादेश से, उन्होंने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करने का काम किया. इतना ही नहीं, दिल्ली सेवा बिल पास होने के बाद भी आप सांसद विधायी नियमों का हवाला देकर हर रोज कोई न कोई सवाल उठा रहे थे.