आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन मांग रही है. लेकिन अब आप ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया है. पार्टी का कहना है कि कांग्रेस को तीसरी बार राहुल गांधी को नेता तौर पर प्रोजेक्ट नहीं करना चाहिए. आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने ये बात एक ट्वीट के माध्यम से कही है.
उन्होंने ट्वीट में लिखा है, “अगर देश बचाना है तो सबसे पहले कांग्रेस को बोल देना चाहिए कि वो तीसरी बार भी राहुल गांधी पर दांव नहीं लगाएंगे और समूचे विपक्ष पर ये दबाव नहीं डालेंगे. देश हित में ये संविधान बचाने से भी ऊपर है.” प्रियंका कक्कड़ ये ट्वीट बिहार के पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद सामने आया है. जिसमें आप ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस संसद में दिल्ली अध्यादेश का विरोध नहीं करती है तो आप कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष का हिस्सा नहीं बनेगी.
बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने में लगे विपक्षी दलों की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेजबानी में शुक्रवार (23 जून) को बैठक हुई. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और एनसीपी चीफ शरद पवार सहित कई नेता शामिल हुए.
मीटिंग में दिल्ली का अध्यादेश का मामला भी उठा. बैठक में अध्यादेश को लेकर केजरीवाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से चाय पर समय मांगा, लेकिन वो नहीं माने.
आम आदमी पार्टी (AAP) सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में पार्टी के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने सबसे पहली बात अध्यादेश को लेकर रखी और इस पर समर्थन मांगा. कांग्रेस ने अध्यादेश को लेकर अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया है तो इस कारण अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी से चाय पर मिलने को कहा ताकि मतभेद और मनभेद दूर किए जा सकें, लेकिन राहुल गांधी ने इस पर मना कर दिया.
सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी ने इस पर कहा कि हमारे यहां मीटिंग की प्रक्रिया है. अध्यादेश के पक्ष या विपक्ष को लेकर भी प्रोसेस होता है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अरविंद केजरीवाल को कुछ क्लिप्स दिखाईं और कहा कि आप के नेता हमारे बारे में बहुत कुछ बोलते हैं.
ऐसे में सीएम केजरीवाल ने जवाब में कहा कि बोला तो आपकी तरफ से भी जाता है लेकिन अध्यादेश पर अपना स्टैंड बताएं. अध्यादेश के खिलाफ खड़े नहीं होना है तो सार्वजनिक तौर पर कह दीजिए.