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गुजरात चुनाव: बीजेपी का खेल बिगाड़ेंगी आप और कांग्रेस, चौंकाने वाले सर्वे के नतीजों से जानिए जीत से कितनी दूर हुई भाजपा !

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फाइल फोटो

गुजरात विधानसभा चुनाव में दो हफ्ते से भी कम का समय बचा हुआ है. बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मोर्चा संभाल रखा है, जबकि कांग्रेस के चुनाव प्रचार में राहुल गांधी की एंट्री हो चुकी है. आम आदमी पार्टी संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रोड शो व चुनावी रैलियां कर पार्टी के पक्ष में माहौल बना रहे हैं.

बीजेपी 1995 से ही सत्ता पर काबिज है, तो वहीं कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष कर रही है. आप भी चुनाव को त्रिकोणीय बनाने के लिए चुनाव प्रचार में पसीना बहा रही है. इस बार माना जा रहा है कि आप की गुजरात में एंट्री से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऐसे में सियासी गलियारों में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या कांग्रेस व आप मिलकर बीजेपी के विजयी रथ को रोक पाएंगे, तो आइए जानते हैं क्या कहते हैं एक्सपर्ट व सर्वे के आंकड़े?

ऐसे घटता गया बीजपी का ग्राफ
गुजरात की 182 विधानसभा सीटों पर 1 व 5 दिसंबर को दो चरणों में चुनाव होना है. जबकि चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. बीते कुछ वर्षो के चुनाव नतीजों में बीजेपी के प्रदर्शन में गिरावट आई है. वर्ष 2002 में पार्टी ने 127 सीटें जीती थीं, वहीं 2007 में घटकर 117 हो गईं, 2012 में भी सुधार नहीं दिखा और सीटें घटकर 115 हो गईं, 2017 में बहुत खराब प्रदर्शन रहा कुल 99 सीटों पर ही बीजेपी सिमट गईं. अगर इस तरह से प्रदर्शन देखा जाए तो इस बार बीजेपी के लिए थोड़ी सी मुश्किल जरूर दिख रही है क्योंकि पिछली बार बीजेपी व कांग्रेस सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही थीं, जबकि आप महज 29 सीटों पर चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारी थी, हालांकि इन सभी सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. पिछली बार कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा और 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीते कुछ सालों के चुनावी नतीजे देखा जाए तो बीजेपी की प्रदर्शन का ग्राफ गिरता ही गया है. फिलहाल इस बार गुजरात चुनाव में देशभर के लोगों की नजर टिकी हुई है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
गुजरात विधानसभा चुनाव सिर पर है और सभी राजनीतिक दल रोड शो व तमाम लोकलुभावन वादे कर वोटरों को लुभाने में जुटे हैं. गुजरात चुनाव धीरे-धीरे अंतिम पड़ाव पर है तो वहीं गुजरात चुनाव पर पैनी नजर रखने वाले राजनीतिक विश्लेषक व वरिष्ठ पत्रकार आर के मिश्रा ने रेडिफमेल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि बीजेपी इस बार मुश्किल में दिख रही है. उन्होंने कहा कि राज्य के मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है, राज्य में भी पार्टी कुछ नहीं है बल्कि सबकुछ नरेंद्र मोदी हैं. यानी नरेंद्र मोदी ही बीजेपी हैं और नरेंद्र मोदी ही सरकार हैं.

गुजरात चुनाव भी उन्हीं के नाम पर लड़ा जा रहा है. वह खुद भी लोगों से कहते नजर आते हैं कि मुझे देखिए, मेरे काम देखिए व वोट कीजिए. इस चुनाव में मोदी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है और गुजराती अस्मिता के भी प्रतीक चिह्न बने हुए हैं.

वरिष्ठ पत्रकार मिश्रा ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि मोदी गुजरात चुनाव हारने वाले हैं. अगर ऐसा होता है तो 2024 संसदीय चुनाव के लिए उनके सामने बड़ी चुनौती रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि अगर बीजेपी 2017 विधानसभा के रिजल्ट की तुलना में 10 सीट कम भी पाए तो मैनेज करने में उसके लिए टेढ़ी खीर नहीं है.

2017 चुनाव में भी कांग्रेस से जीतकर आने वाले विधायकों में से 11 विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा था. उन्होंने ये भी कहा कि मौजूदा वक्त में बीजेपी कई ऐसे राज्य है, जहां पूर्ण बहुमत न मिलने के बावजूद भी सरकार चला रही है. हालांकि, बीजेपी ने हार्दिक पटले को अपने पाले में लाकर पाटीदार बैंक को तोड़ने की भरपूर कोशिश की है.

क्यों कूदना पड़ा मोदी को चुनावी मैदान में?
वरिष्ठ पत्रकार आर के मिश्रा कहते है कि बीजेपी ने आप को पहले खूब हवा दी, ताकि वह कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सके लेकिन जब आप की लहर सकारात्मक दिशा में बहने लगी तो पीएम मोदी को खुद ही चुनावी दंगल में कूदना पड़ा. पीएम मोदी आप की मुफ्त रेवड़ी वाली नीति पर भी सार्वजनिक मंचों से विरोध कर चुके हैं. उधर केजरीवाल गुजरात के लोगों से कई चीजें देने का वादा कर रहे हैं. इसमें फ्री बिजली से लेकर बेरोजगारी भत्ता व 10 लाख नौकरियों का वादा भी शामिल है.

जानें ओपिनयन पोल का आंकड़ा
एक हिंदी अख़बार के ताजा सर्वे में कहा गया है कि गुजरात चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले व सत्ता विरोधी लहर के चलते बीजेपी को 50 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान है. जबकि कांग्रेस को 39 फीसदी व आप को 8 फीसदी वोट मिलने के आसार है. अन्य के खाते में 3 फीसदी वोट जा सकते हैं.

साभार-दैनिक भास्कर

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