लोकसभा के बाद राज्यसभा से 45 विपक्षी सांसदों को सोमवार (18 दिसंबर) को निलंबित कर दिया गया. निलंबित किए सांसदों में प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, रामनाथ ठाकुर, मनोज झा, रामगोपाल यादव, जावेद अली खान, महुआ माजी और शांतनु सेन हैं.
साथ ही संस्पेड किए गए सांसदों के नाम- समीरुल इस्लाम, फैयाज अहमद, अजीत कुमार, ननारायन भाई जेठवा, रंजीत रंजन, रणदीप सुरजेवाला, रजनी पाटिल, एम संगम्म, अमी याग्निक, फूलो देवी नेताम और मौसम नूर हैं. इन 45 सांसदों में से 34 को शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों और 11 सांसदों को प्रिविलेज कमेटी की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया.
निलंबन की क्या वजह है?
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इसको लेकर कहा कि कई सदस्य जानबूझकर पीठ की अवहेलना कर रहे हैं. व्यवधान के कारण हाउस का कामकाज नहीं हो पा रहा है. इस कारण कई सांसदों को मौजूदा सत्र के लिए सदन से निलंबित किया जा रहा है. उन्होंने कार्यवाही स्थगित करते हुए कहा कि मेरा सिर शर्म से झुक रहा है कि हम जनता की भावनाओं की और उनकी अपेक्षाओं की कद्र नहीं कर रहे.
सरकार ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों सदनों (राज्यसभा और लोकसभा) में विपक्ष और सहयोगी दल, घमंडिया गठबंधन (विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’) के सदस्यों ने भद्दा हंगामा किया. सदन का अपमान किया. लोकतंत्र के मंदिर में देश को इन लोगो ने शर्मिंदा किया है. स्पीकर ओम बिरला और चेयरमैन जगदीप धनखड़ का अपमान किया गया.
दरअसल, विपक्षी दल संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर लगातार राज्यसभा और लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान देने की मांग कर रही है. वहीं सरकार इसको लेकर पलटवार करते हुए कह रही है कि जांच चल रही है. ऐसे में विपक्ष राजनीति कर रहा है.