महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राजनीतिक उठापठक के बाद से दो बार इस्तीफा देने का मन बना लिए थे लेकिन दोनों बार गठबंधन के सहयोगियों की ओर से उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया गया.
सूत्रों के मुताबिक 21 जून को जब 21 बागी विधायक सूरत चले गए थे और उनसे संपर्क टूट चुका था, तब उसके अगले ही दिन उन्होंने इस्तीफा देने का मन बना लिया था लेकिन गठबंधन के सहयोगियों ने ऐसा होने नहीं दिया.
सूत्रों के मुताबिक 21 जून को शिवसेना विधायकों ने विद्रोह कर दिया. इसके बाद उन्होंने राजनीतिक संकट को खत्म करने की बहुत कोशिश की लेकिन कोई रास्ता निकलता हुए नहीं दिखा और उसी दिन इस्तीफा देने के लिए तैयार हो गए. हालांकि एमवीए के सहयोगी दलों ने उन्हें इस्तीफा न देने के लिए मना लिया.
सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे इस राजनीतिक संकट को सुलझाने के लिए बीजेपी के नेताओं से भी संपर्क किया था. जब बागी विधायकों के साथ सुलह के सारे रास्ते बंद हो गए, तब उन्होंने 22 जून को इस्तीफा देने का पूरा मन लिया था.
इस्तीफा देने के बाद शाम को शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के स्मारक पर जाने का कार्यक्रम भी बना लिया था लेकिन ऐसा हो नहीं सका. यही कारण था उद्धव ठाकरे का पहले से तय कार्यक्रम के तहत 5 बजे शाम पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करना था लेकिन उन्होंने इसमें बहुत देरी हो गई.
देर शाम को फेसबुक लाइव पर उन्होंने संबोधित किया और इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि अगर बागी विधायक मुंबई आते हैं तो वे इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. इसके कुछ ही देर बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री आवास वर्षा को छोड़ दिया और अपने निजी आवास मातोश्री में चले गए.