प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (28 मई) को नए संसद भवन के उद्घाटन करने जा रहे हैं. करीब 21 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उद्घाटन कराने की मांग को लेकर इस समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. इसी बीच खबर आ रही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करीब 25 दलों का साथ मिलने की संभावना है. सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए यह राहत वाली बात है.
बीजेपी समेत सत्तारूढ़ एनडीए के 18 घटक दलों के साथ ही 7 गैर-एनडीए दल समारोह में शामिल होंगे. बहुजन समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (सेक्यूलर), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल और तेलुगू देशम पार्टी समारोह में शामिल होने वाले 7 गैर-एनडीए दल हैं. इन 7 पार्टियों को लोकसभा में 50 सदस्य हैं. इन दलों के भाग लेने से एनडीए को विपक्ष के इन आरोपों का खंडन करने में मदद मिलेगी कि यह एक सरकारी आयोजन है.
जनता दल (सेक्यूलर) के सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि वह 28 मई को नई दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन में भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि यह देश की संपत्ति है और टैक्सपेयर्स के पैसे से बनाया गया है. उन्होंने विरोध करने वाली पार्टियों से पूछा कि क्या यह बीजेपी और आरएसएस का कार्यालय है जिसके उद्घाटन का बहिष्कार करना है? यह किसी का निजी कार्यक्रम नहीं है, यह देश का कार्यक्रम है.
उधर अब तक 21 विपक्षी दलों ने कहना है कि वे उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे. ये पार्टियां राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत 21 दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है.