मुंबई| महाराष्ट्र सरकार और सरकारी कर्मचारियों के बीच पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने को लेकर रस्साकशी शुरू है. सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षकों सहित 17 लाख से अधिक राज्य सरकार के कर्मचारी मंगलवार से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले जाएंगे.
इस कदम से SSC और HSC परीक्षाओं के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर असर पड़ने की संभावना है क्योंकि स्कूलों और जूनियर कॉलेजों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल का हिस्सा होंगे.
एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बातचीत में थोड़ी प्रगति होने के बाद सोमवार को हड़ताल की पुष्टि की गई. जिन्होंने कहा कि वे मांग का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन करेंगे.
राज्य सरकार कर्मचारी संघ के महासचिव विश्वास काटकर ने कहा ‘हम आश्वासन नहीं चाहते हैं. हम एक नीति घोषणा चाहते हैं कि पुरानी पेंशन स्कीम लागू किया जाएगा’. काटकर ने बताया कि राज्य सरकार, जिला परिषदों, नगर परिषदों के कर्मचारी और राज्य सरकार के स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षक हड़ताल का हिस्सा होंगे.
इससे पहले सोमवार दोपहर में शिंदे और फडणवीस के साथ-साथ विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार और विधान परिषद के नेता अंबादास दानवे ने यूनियनों से मुलाकात की. एकनाथ शिंदे ने कहा ‘सरकार पुरानी पेंशन स्कीम लागूका अध्ययन करने और जल्द ही अपनी रिपोर्ट देने के लिए अधिकारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की एक समिति गठित करेगी. सरकार चलाने में कर्मचारियों का बहुमूल्य योगदान है. सरकार ओपीएस की मांग के खिलाफ नहीं है और इसका समाधान ढूंढ़ना चाहती है.’
वहीं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ‘ पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का फैसला करने वाले राज्यों ने अभी तक अपना रोडमैप घोषित नहीं किया है.’ उन्होंने कहा ‘सरकार को यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों के साथ कोई अन्याय न हो. सरकार एक बाधावादी रुख नहीं अपनाएगी और राज्य के कर्मचारियों को भी ऐसा करने की अनुमति नहीं देगी.’ गौरतलब है कि शिंदे सरकार पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का दबाव है, खासकर हाल के उपचुनावों में हार के बाद जहां पुरानी पेंशन स्कीम लागू एक चुनावी मुद्दा बन गया था.