तमिलनाडु में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. चेन्नई पश्चिम में आईटी विंग के 13 पदाधिकारियों ने एक साथ पार्टी छोड़ दी है. मामले को लेकर एक बयान जारी किया गया है और उस पर आईटी विंग के 10 जिला सचिवों और 2 जिला उपसचिवों के हस्ताक्षर हैं. आईटी विंग के जिलाध्यक्ष अनबरासन का कहना है कि सालों साल काम करने के बाद भी पार्टी में असामान्य स्थिति बनी हुई है. इसलिए इस्तीफा दे दिया.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अनबरासन ने कहा, “मैंने कई सालों तक बीजेपी के लिए काम किया. लोग जानते हैं कि मैंने कभी किसी पद उम्मीद नहीं की थी. पिछले कई दिनों से पार्टी में असामान्य स्थिति को देखते हुए मैंने इस्तीफा दे दिया है.” बयान पर पदाधिकारियों के हस्ताक्षर भी हैं.
इस बीच, तमिलनाडु की राजनीति में बीजेपी और एआईएडीएमके (AIADMK) के बीच जुबानी जंग जारी है. बीजेपी के कुछ पदाधिकारियों के एआईएडीएमके में शामिल होने के बीच तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि ये इस बात को दर्शाता है कि तमिलनाडु में बीजेपी आगे बढ़ रही है. वहीं, एआईएडीएमके ने पलटवार करते हुए कहा कि साल 2021 में बीजेपी विधायक की जीत एआईएडीएमके की वजह से हुई, क्योंकि इससे पहले उन्हें नोटा (NOTA) से भी कम वोट मिले थे.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने कहा, “बीजेपी के करीब चार नेता एआईएडीएमके में शामिल हुए हैं, ये तमिलनाडु में एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है. यहां के द्रविड़ राजनेता जो सोचते हैं कि वे बड़ी पार्टियां चला रहे हैं, बीजेपी को आसानी से शिकार बनाना चाहते हैं और अपनी पार्टी का विकास करना चाहते हैं. ये केवल इस बात को दिखाता है कि राज्य में बीजेपी आगे बढ़ रही है.
इरोड ईस्ट उपचुनाव के दौरान भी एआईएडीएमके और बीजेपी के बीच वाकयुद्ध हुआ था, जिसमें एआईएडीएमके ने टिप्पणी की थी कि बीजेपी की उनकी पार्टी के अंदर के मुद्दों में कोई भूमिका नहीं है. अब एक बार फिर यह चर्चा का विषय बन गया है.