जन्म कुंडली में बृहस्पति और शनि किसी भी भाव में एक साथ बैठे हैं, व्यक्ति समय से पहले परिपक्व और जिम्मेदार हो जाता है. ऐसे व्यक्ति के जीवन में संघर्ष बहुत ज्यादा होता है.
परिस्थितियों ऐसी बनती हैं कि उम्र में छोटा होते हुए भी उसे पूरे परिवार की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है या फिर वह परिवार का सबसे बड़ा होता है और परिस्थितिवश पूरे परिवार को उसे ही पालना पड़ता है. ऐसे लोग परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभाते निभाते शादी विवाह की उम्र भी पार कर जाते हैं.
आजीवन कुंवारे रह जाते हैं. अपने परिवार के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं.
ऐसे व्यक्तियों के जीवन में संघर्ष अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है. पुरुष हो या स्त्री सब पर यह बात एक समान लागू होती है.
- – श्री जगदीश्वरनन्द जी महाराज जी