आज के दौर में लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी के रूप में डायबिटीज बहुत तेजी से पैर पसार रही है. अकेले भारत देश में ही करीब 77 मिलयन लोग डायबिटीज के मरीज हैं. आमतौर पर कहा जाता है कि ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज की बीमारी होती है.
लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट इस मामले में कुछ और ही कहते हैं. उनका कहना है कि केवल मीठा ज्यादा खाने से ही डायबिटीज की समस्या नहीं होती है. दरअसल डायबिटीज एक क्रोनिक समस्या है जिसके दौरान ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है.
मीठा खाना एक कारण हो सकता है लेकिन यही एकमात्र कारण नहीं हो सकता. इसके पीछे और भी कई सारी बड़ी वजहें होती है. चलिए जानते हैं कि मीठे के अलावा कौन कौन से कारणों से डायबिटीज की परेशानी हो सकती है.
डायबिटीज होने की वजह
मोटापा और हाई बीपी हैं बड़ी वजह-:
मोटापा डायबिटीज को न्यौता देने का एक बड़ा कारण है. जो लोग मोटे होते हैं उनको पतले लोगों की तुलना में डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है. जब शरीर पर बहुत ज्यादा फैट चढ़ जाता है तो शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर हाई हो जाता है और ऐसे में शुगर की संभावना बढ़ जाती है. मोटापे के साथ साथ हाई बीपी भी डायबिटीज की एक वजह मानी जाती है. शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ने पर रक्तचाप हमेशा हाई रहता है, ऐसे लोगों को डायबिटीज होने के चांस बाकी लोगों की तुलना में ज्यादा होते हैं. इसके अलावा एक्सरसाइज की कमी होने पर शरीर में डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. दरअसल जब हम शारीरिक गतिविधि नहीं करते तो शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध पर असर पड़ता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
आनुवांशिक कारण भी हैं जिम्मेदार-:
आनुवांशिक कारण भी डायबिटीज के कारणों में शुमार किए जाते हैं. जिन लोगों के घर परिवार में किसी को पहले से डायबिटीज है, ऐसे लोगों को बाकी लोगों की तुलना में डायबिटीज होने के रिस्क ज्यादा होते हैं. इसके अलावा हॉर्मोन असंतुलन भी डायबिटीज की एक मुख्य वजह मानी जाती है. खासकर गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा खास तरह के हार्मोन रिलीज करता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन जाते हैं. यदि पेनक्रियाटिक सिस्टम इंसुलिन रेजिस्टेंस को दूर करने के लिए पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता को प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज की बीमारी के खतरे बढ़ जाते हैं.