आपके किचन में मौजूद हैं ये आयुर्वेदिक दवायें, जानिए लाभ

यदि व्यक्ति का शरीर ही रोगों से घिरा हुआ होगा तो एक बिमार आत्मा, कभी भी आध्यात्मिक और मानसिक शांति को प्राप्त नहीं कर सकती है. इसीलिए वेदों में आयुर्वेद का जिक्र किया गया है ताकि व्यक्ति स्वस्थ रहे और आध्यात्मिक और मानसिक शांति को प्राप्त कर सके.

आज हर घर में एक या एक से ज्यादा व्यक्ति बिमार है. बिमारियों ने हमारे जीवन को नर्क बना दिया है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि घर की रसोई या किचन में कुछ अचूक आयुर्वेदिक दवायें, मौजूद होती हैं किन्तु अपने अल्प ज्ञान की वजह से हम उनका प्रयोग नहीं कर पाते हैं.

तो आइये जानते हैं उन्हीं आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में, जिनके नित्य प्रयोग से बिमारियों से बचा जा सकता है

अदरक
अदरक एक दर्द निवारक दवा के रूप में भी काम करती है. यदि सिरदर्द हो रहा हो तो सूखी अदरक को पानी के साथ पीसकर उसका पेस्ट बना लें और इसे अपने माथे पर लगाएं. इसे लगाने पर हल्की जलन जरूर होगी लेकीन यह सिरदर्द दूर करने में मदद मिलेगी. साथ ही साथ अदरक को खाने में प्रयोग करने से मौसमी बिमारियों से भी व्यक्ति बच जाता है.

अजवायन
अजवायन का प्रयोग पेट दर्द को दूर करने में किया जाता है. पेट दर्द होने पर आधा चम्मच अजवायन को पानी के साथ फांखने से पेट दर्द में राहत मिलती है. नियमित रुप से इस नुस्खों को अपनाने से आप पेट साफ रहेगा.

हल्दी
हल्दी में एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक और दर्द निवारक तत्व पाए गए हैं. ये तत्व चोट के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं. घाव पर हल्दी का लेप लगाने से वह ठीक हो जाता है. चोट लगने पर दूध में हल्दी डालकर पीने से दर्द में राहत मिलती है. हल्दी अगर अच्छी क्वालिटी की है तो दूध के साथ इसको प्रयोग करने से शारीरिक कमजोरी भी नहीं होती है.

तुलसी के पत्ते
तुलसी में बहुत सारे औषधीय तत्व पाए जाते हैं. तुलसी की पत्तियों को पीसकर चंदन पाउडर में मिलाकर पेस्ट बना लें. दर्द होने पर प्रभावित जगह पर उस लेप को लगाने से दर्द में राहत मिलेगी. एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर हल्का गुनगुना करके खाने से गले की खराश और दर्द दूर हो जाता है.

मेथी
एक चम्मच मेथी दाना में चुटकी भर पिसी हुई हींग मिलाकर पानी के साथ फांखने से पेट दर्द में आराम मिलता है. मेथी डायबिटीज में भी लाभदायक होती है. डायबिटीज की यह एक अचूक दवा भी है. मेथी के लड्डू खाने से जोडों के दर्द में लाभ मिलता है.

हींग
हींग दर्द निवारक और पित्तवर्द्धक होती है. छाती और पेट दर्द में हींग का सेवन लाभकारी होता है. छोटे बच्चों के पेट में दर्द होने पर हींग को पानी में घोलकर पकाने और उसे बच्चो की नाभि के चारो ओर उसका लेप करने से दर्द में राहत मिलती है.

करेला
करेले का रस पीने से पित्त में लाभ होता है. जोडों के दर्द में करेले का रस लगाने से काफी राहत मिलती है.

नींबू में छिपा है सिरदर्द का प्राकृतिक उपचार
नींबू में प्रकृति ने ऐसा प्रभाव रखा है कि यदि बिना दूध की चाय में नींबू की कुछ बूँदें मिलाकर उसे पिया जाए तो सिर दर्द में तुरंत आराम आ जाता है. केवल यही नहीं बल्कि थकन के कारण भी होने वाले सिर दर्द के लिए नींबू के छिल्कों का पेस्ट बनाकर माथे पर मिलने से सिर दर्द में जल्दी आराम आ जाता है. नींबू का प्रयोग वजन कम करने में भी किया जा सकता है.

साभार-astroyogi

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