26/11 मुंबई हमलों के आरोपी ताहवुर राना ने अमेरिकी अदालत में यह दावा किया कि यदि उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया गया, तो उनकी जान को खतरा हो सकता है और उन्हें अत्याचारों का सामना करना पड़ेगा। राना ने अदालत में कहा कि भारत में उन्हें उचित सुरक्षा नहीं मिल पाएगी, और उनका शारीरिक शोषण किया जाएगा, जिससे उनकी मौत हो सकती है।
राना का कहना था कि भारत में कई जेलों में कथित तौर पर जेल अधिकारियों द्वारा आरोपियों पर अत्याचार किए जाते हैं, और यदि उन्हें भारत भेजा गया, तो वह भी इससे बच नहीं पाएंगे। इसके बाद, राना ने यह भी कहा कि वह भारतीय न्याय प्रणाली पर विश्वास नहीं करते हैं और उन्हें वहां निष्पक्ष सुनवाई की कोई उम्मीद नहीं है।
अमेरिकी अदालत में राना के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई जारी है और इस पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। राना के मामले में कई जटिलताएँ हैं, जिनमें मानवाधिकार उल्लंघन की चिंताएं और भारतीय कानून व्यवस्था के प्रति उसकी असहमति शामिल हैं। इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान भी केंद्रित है, क्योंकि यह भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण समझौते पर एक अहम सवाल खड़ा करता है।