मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में तबादला नीति 2024-25 को मंजूरी दे दी गई है। इस बैठक में कुल 41 प्रस्ताव रखे गए हैं, जिनमें से कई प्रस्ताव राज्य के विकास और सामाजिक क्षेत्र में सुधार को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं।
इस नई नीति के तहत, कई क्षेत्रों में नई योजनाओं का आरंभ किया जाएगा, जो राज्य की अगली पीढ़ी के लिए स्थायी विकास के माध्यम के रूप में कार्य करेंगे। इस निर्णय के माध्यम से सरकार ने अपने विकास और सुधार के कार्यक्रमों में नए दिशानिर्देश और लक्ष्य स्थापित किए हैं।
इस बैठक में बुंदेलखंड क्षेत्र की 50 में से 26 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। जिनकी कुल लागत 10858 करोड़ रुपये है। इसमें 1394 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है।
ये प्रस्तावों को मिली मंजूरी
प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के तैयारियों के मद्देनजर, 2019 की तुलना में 2025 में 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार किया गया है। अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर करीब छह करोड़ लोग आएंगे। कुंभ के लिए 2500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
निजी विश्वविद्यालय को प्रमोट करना और प्रत्येक मंडल में एक सरकारी विश्वविद्यालय की मंजूरी देने का निर्णय लिया गया है। इसके अधीन, राज्य सरकार ने विवि के नाम से राज्य का उल्लेख हटाकर नाम को संक्षिप्त किया है। मुरादाबाद विवि को “गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय” का नाम दिया गया है। इसके अतिरिक्त, बरेली में “हरित गाजियाबाद” और “फ्यूचर विश्वविद्यालय” की स्थापना की जाएगी।
नोएडा में 500 बेड के अस्पताल को मंजूरी मिली है, जिसका निर्माण 15 एकड़ भूमि पर किया जाएगा।
आईआईटी कानपुर में मेडिकल रिसर्च के लिए “स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नालॉजी” का निर्माण होगा। इसके लिए राज्य सरकार हर साल 10 करोड़ रुपये देगी, जिससे पांच साल में कुल 50 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। अतिरिक्त सहायता केंद्र से प्राप्त की जाएगी।
नई तबादला नीति के तहत, प्रदेश में समूह क, ख, ग, और घ के सभी कार्मिकों के ट्रांसफर 30 जून तक होंगे। जिलों में तीन साल और मंडलों में सात साल से अधिक तैनाती वाले कार्मिकों को हटाया जाएगा। पिक एंड चूज की व्यवस्था को समाप्त किया जाएगा। जो ज्यादा पुराना होगा, उसे पहले हटाया जाएगा। समूह क और ख में अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग और घ में अधिकतम 10 प्रतिशत कार्मिकों को तबादला किया जाएगा।