तराई क्षेत्र में तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी के साथ-साथ मृत्यु दर भी चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक विभिन्न कारणों से मासूम बच्चों और महिलाओं सहित पांच लोगों की मृत्यु हो गई है। इन मौतों ने स्थानीय समुदाय में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।
परिवार के सदस्य इन मौतों का कारण अत्यधिक गर्मी को मान रहे हैं, जबकि चिकित्सक इसके पीछे विभिन्न बीमारियों का हाथ बता रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी के साथ-साथ विभिन्न संक्रमणों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस स्थिति ने स्वास्थ्य सेवाओं की अपर्याप्तता और जागरूकता की कमी को भी उजागर किया है, जिससे निपटने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस दिशा में ठोस और कारगर उपाय करने होंगे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके और लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं और सुरक्षा प्रदान की जा सके।
एसीएमओ डॉ. दिनेश सिंह का कहना है कि इस समय गर्मी अधिक पड़ रही है जिसका असर दिल पर पड़ रहा है। बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। धूप का चश्मा व सिर ढकना कदापि न भूलें। सभी अस्पताल मे पर्याप्त दवाएं मौजूद हैं इसलिए छोलाछाप के चक्कर में पड़ कर समय न बर्बाद करें। मरीज को अस्पताल ले जाएं ताकि उसे बचाया जा सके।