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गणेश चतुर्थी: शुभ और विशेष योग के साथ गणेशोत्सव शुरू, घरों और पंडालों में सजाए गए गणपति

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गणेश उत्सव

आज बात शुरू करेंगे गणेश मंत्र से. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ. निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ आज गणेश चतुर्थी से भगवान गणपति उत्सव भी शुरू हो गया है. 10 दिनों तक गणेश उत्सव भक्ति भाव और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. ‌‌हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और स्वाति नक्षत्र में दोपहर के समय भगवान गणपति का जन्म हुआ था. इस कारण से हर वर्ष गणेश जन्मोत्सव का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है.

इस बार गणेशोत्सव की शुरुआत बहुत ही शुभ और विशेष योग में हो रही है. बुधवार से गणेश उत्सव प्रारंभ है और बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए विशेष महत्व रखता है. बुधवार के देवता भगवान गणेश जी को माना गया है और इस दिन के ऊपर बुध ग्रह का स्वामित्व प्राप्त है.

31 अगस्त से 9 सितंबर 2022 तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा. यह उत्सव पूरे देश में ही मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, गुजरात और राजस्थान में गणेश उत्सव की खूब धूम रहती है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गणेश उत्सव की पूरे 10 दिनों तक धूम रहती है . हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी धर्मों के लोग महाराष्ट्र में गणेश उत्सव को धूमधाम से मनाते हैं, सभी गणेश भक्ति में लीन रहते हैं.

पहले दिन लोग अपने अपने घरों में गणपति बप्पा स्थापित (विराजमान) करते हैं. विसर्जन उसके बाद गणपति बप्पा की मूर्तियां विसर्जित की जाती है. ‌पूरा महाराष्ट्र इस दौरान गणपति की भक्ति में डूबा रहता है. मुंबई में सबसे अधिक ‘लाल बाग के राजा’ लोकप्रिय है.

यहां पर गणेश उत्सव के दौरान लाखों भक्त आते हैं और भगवान गणेश से आशीर्वाद लेते हैं. मुंबई में उत्सव के दौरान जगह-जगह गणेश पंडाल भी सजाए जाते हैं. इस बार गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही और लंबोदर योग भी है. इस बार गणेश चतुर्थी पर पांच राजयोग और 300 सालों बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है.

वहीं, पूरे उत्सव के 10 दिनों के दौरान खरीदारी के 7 शुभ मुहूर्त भी रहेंगे. जिसमें आप इन्वेस्टमेंट से लेकर व्हीकल खरीदी तक कई शुभ काम कर सकेंगे. आज गणेश चतुर्थी पर स्थापना और पूजा के लिए दिनभर में कुल 5 शुभ मुहूर्त रहेंगे. सुबह 11.20 बजे से दोपहर 01.20 बजे तक का समय सबसे अच्छा रहेगा, क्योंकि इस वक्त मध्याह्न काल होगा, जिसमें गणेश जी का जन्म हुआ था.

129 साल पहले महाराष्ट्र में स्वतंत्रता सेनानी तिलक ने शुरू किया था गणेश उत्सव
देश के महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित बाल गंगाधर तिलक ने 129 साल पहले महाराष्ट्र में गणेश उत्सव की शुरुआत की थी. ‌ उस समय देश अंग्रेजों की गुलामी में झगड़ा हुआ था. लोगों को भक्ति भाव से जोड़ने और अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट होने के लिए स्वतंत्रता सेनानी तिलक ने गणेश उत्सव की शुरुआत की थी.

‌धीरे-धीरे यह गणेश उत्सव कई राज्यों में फैलता चला गया. साल 1893 में सबसे पहली बार महाराष्ट्र के पुणे में सार्वजनिक तौर पर गणेश उत्सव की शुरुआत हुई. तिलक ने गणेशोत्सव को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में सफलता हासिल की और यही कारण है कि आज गणेशोत्सव न सिर्फ महाराष्ट्र और भारत बल्कि दुनियाभर में मनाया जाता है.

खास बात तो यह है कि गणेशोत्सव केवल धार्मिक दृष्टिकोण से जुड़ा पर्व नहीं है बल्कि इस त्योहार को आजादी के संघर्ष की ताकत, जातिवाद और छुआछूत को दूर करने का माध्यम बनाया गया है. यही कारण है कि आज हर जाति के लोग हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी इस त्योहार को मिलजुल कर मनाते हैं, जिससे गणेशोत्सव का स्वरूप सेक्युलर हो गया. बॉलीवुड के कलाकार भी गणेश उत्सव खूब धूमधाम से मनाते हैं.

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