इन दिनों झारखंड का दुमका जिला चर्चा में है. मामला अंकिता हत्याकांड से जुड़ा है. बीजेपी की तरफ से आरोप लगाया गया था कि डीएसपी उन आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं जो उनके धर्म से ताल्लुक रखते हैं. इसके साथ ही पीड़िता बालिग थी या नाबालिग इसे भी लेकर बवाल है.
इन सबके बीच झारखंड पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. इस मामले में जब हेमंत सोरेन सरकार पर बीजेपी ने लापरवाही की जिक्र किया तो वो हरकत में आए और कहा कि एडीजीपी को स्वयं घटनास्थल पर जाने के लिए निर्देश दिया गया है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पीड़िता के परिवार को आर्थिक मदद के साथ साथ सुरक्षा भी प्रदान की जा रही है. सीएम सोरेन ने कहा कि इस मामले में जिस किसी भी स्तर पर लापरवाही हुई है उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा.
झारखंड के दुमका जिले में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने कहा कि एक व्यक्ति ने 12वीं कक्षा की जिस छात्रा को आग लगायी थी वह नाबालिग थी तथा उसने पोक्सो कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की.समिति ने कहा कि छात्रा की 10वीं कक्षा के अंकपत्र के अनुसार उसकी उम्र 16 साल के आसपास थी और वह बालिग नहीं थी जैसा कि पुलिस ने दावा किया.
दुमका सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम सिफारिश करते हैं कि प्राथमिकी में बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून की धाराएं भी जोड़ी जाए क्योंकि हमारी जांच के मुताबिक लड़की नाबालिग थी.’’गौरतलब है कि यह घटना 23 अगस्त की है जब आरोपी शाहरुख ने नाबालिग पर उसके कमरे की खिड़की के बाहर से कथित तौर पेट्रोल छिड़का तथा उसे आग लगा दी. घटना के वक्त वह सो रही थी.