भारतीय वायुसेना बेड़े में जल्द शामिल होगा पहला पहला तेजस-MK1A फाइटर जेट, हैरान करती हैं खासियतें!

भारतीय वायुसेना पहले से और ज्यादा मजबूत हो रही है. आने वाले दिनों में वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होने वाला है. उसके बेड़े में पहला तेजस-MK1A फाइटर जेट जुलाई तक शामिल हो जाएगा. वहीं, रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को मार्च 2025 तक 18 तेजस एमके-1ए की आपूर्ति पूरी करने के लिए कहा है.

सरकार ने एचएएल को 85 विमानों का ऑर्डर दिया है. इस खबर से ही पाकिस्तान, चीन समेत दुश्मन देशों की नींद उड़ गई हैं. वो बेचैन और परेशान हैं. तेजस-MK1A फाइटर जेट कितना घातक है और इसकी खूबियां क्या हैं. बता दें कि तेजस-MK1A फाइटर जेट को एचएएल ने डिजाइन और निर्मित किया है.

तेजस-MK1A जेट के पीछे का मकसद

तेजस-MK1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है, जो पलक झपकते ही दुश्मन को ढेर कर देगा. मार्च 2024 में जब तेजस-MK1A ने पहली उड़ान पूरी की तो देश ने इसकी ताकत को देखा. स्वदेश निर्मित यह जेट अपनी पहली उड़ान के दौरान 15 मिनट तक हवा में रहा था. यह उड़ान बेंगलुरु में हुई थी. तेजस एमके-1ए फाइटर जेट्स को बनाए जाने के पीछे मोदी सरकार का मकसद आइए जानते हैं.

– सेना में स्वदेशी विमानों को बढ़ावा देना

– पुराने हो चुके फाइटर जेट्स को हटाना

– वायुसेना की सैन्य ताकत में इजाफा करना

– चीन-पाक बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा करना

इन विमानों की जगह लेगें ये जेट

मोदी सरकार की शुरू से ही यही कोशिश रही है कि सेनाओं को पूरी तरह से सैन्य साजों सामान से उन्नत किया जाए. एचएएल अगले 10 सालों में 2 चरणों में 180 तेजस एमके-1ए जेट बनाए जाने हैं. ये फाइटर जेट आगामी सालों में मिग 21, जगुआर, मिग-29 और मिराज 2000 जेट की जगह लेंगे.

तेजस के LCA Mk-1A की खासियतें
भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 40 तेजस मार्क1 जेट हैं. तेजस एमके-1ए विमान का अपग्रेडेड वर्जन है. यह अपनी श्रेणी का सबसे हल्का और सबसे छोटा बहुउद्देश्यीय सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, जो 1.6 मैक की अधिकतम गति से उड़ सकता है.

इसमें हवा से हवा, हवा से सतह पर मार करने के लिए सबसे अत्याधिक हथियार और बम लगे हुए हैं. इसकी मारक क्षमता 3000 किलोमीटर है. इसमें कई आधुनिक उपकरण लगे हैं जैसे डिजिटल रडार वॉर्निंग रिसीवर और आत्मरक्षा के लिए जैमर पॉड शामिल हैं.

सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर पॉड्स दुश्मन के रडार और मिसाइल सिस्टम को जाम करके बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं. वहीं, डिजिटल रडार वॉर्निंग रिसीवर संभावित खतरों से पायलट को समय रहते आगाह करता है. इसकी डिजाइन से इसे सबसे खास बनाती है, जिसकी वजह से ये फाइटर जेट बहुत कम समय में अधिक रफ्तार को पा सकता है. इसे हवा और जमीनी हमले दोनों भूमिकाओं के लिए डिजाइन किया गया है.

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