भारत में कृषि आय सामान्यत: आयकर से मुक्त होती है, लेकिन आयकर विभाग ने हाल ही में कृषि आय की घोषणाओं में धोखाधड़ी के मामलों पर ध्यान केंद्रित किया है। विभाग ने उन व्यक्तियों और संस्थाओं की जांच शुरू की है जो बिना भूमि स्वामित्व के ₹50 लाख या उससे अधिक की कृषि आय घोषित कर रहे हैं।
इसके अलावा, ऐसे मामलों की भी जांच की जा रही है जहां प्रति एकड़ ₹5 लाख या उससे अधिक की अवास्तविक कृषि आय की रिपोर्ट दी गई है।कृषि आय पर कराधान के बारे में भारतीय आयकर अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान हैं, जो कृषि आय की सीमा और रिपोर्टिंग पर नजर रखते हैं। यह जांच इस उद्देश्य से की जा रही है कि कर चोरी और अवैध धन के शोधन की घटनाओं को रोका जा सके।
आयकर विभाग का यह कदम उन लोगों के खिलाफ है जो कृषि आय का गलत इस्तेमाल कर करों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। इस जांच से यह संकेत मिलता है कि विभाग कृषि आय की घोषणाओं की सख्त जांच करेगा, ताकि कर अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके और धोखाधड़ी के मामलों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।