आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल बनाम सीएम अरविंद केजरीवाल के पीएम बिभव कुमार के बीच हुए विवाद को कई हफ्ते गुजर गए हैं. इस मामले पर अदालती कार्रवाही चल रही है. हालांकि अब एक बार फिर स्वाति मालीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याद आई है. उन्होंने केजरीवाल को 4 पेज का लैटर लिखा और जवाब मांगे हैं साथ ही मांग की है कि वे अपने मंत्रियों को जरूरी कदम उठाने के लिए कहें.
स्वाति मालीवाल ने लिखा, ‘जबसे मैंने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है, तबसे दिल्ली सरकार के मंत्रियों और अफसरों ने आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पिछले 6 महीने से किसी को सैलरी नहीं दी गई है, बजट 28.5 प्रतिशत कम कर दिया है, 181 हेल्पलाइन वापिस ले ली गई है और अध्यक्ष और 2 मेम्बर की पोस्ट भरने के लिए कोई कार्य नहीं किया गया है. दलित मेम्बर की पोस्ट 1.5 साल से खाली पड़ी है. मेरे जाते ही हर संभव कोशिश की जा रही है महिला आयोग को फिर से एक कमजोर संस्थान बनाने की. महिलाओं से दिल्ली सरकार क्यों दुश्मनी निकाल रही है?’
स्वाति मालीवाल ने कहा कि बहुत दुख हो रहा है कि जिस सिस्टम को इतना कष्ट झेलकर 2015 से लेकर अब तक बनाया उसे दिल्ली सरकार खत्म कर रही है. मेरे 8 साल के कार्यकाल में महिलाओं और बच्चों की ओर से कमीशन में आई 1.7 लाख शिकायतों को हैंडल किया. 2016 से आयोग की 181 हेल्पलाइन पर 41 लाख से ज्यादा कॉल्स दर्ज की गई हैं. इस हेल्पलाइन को 45 काउंसिलर्स की मदद से बेहतर ढंग से चलाया गया. राजधानी से उससे बाहर 2500 से ज्यादा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए.
स्वाति ने लैटर में आयोग की रेप क्राइसिस सेल में भर्ती किए गए वकीलों द्वारा दिल्ली की हर एक अदालत में की गई रेप पीड़ितों की मदद का हवाला दिया. इसके अलावा क्राइसिस इंटरवेंशन सेंटर की मदद से 60 हजार से ज्यादा सेक्सुअल असॉल्ट सर्वाइवर्स की मदद का आंकड़ा पेश किया.
स्वाति ने लिखा कि दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली महिला आयोग के साथ किए जा रहे बर्ताव की वजह से करीब 674 परिवार प्रभावित हो रहे हैं. आयोग में बहुत सारी ऐसी सर्वाइवर्स को भर्ती किया गया था जो अपने परिवार में खुद कमाकर घर चलाती हैं, लेकिन सैलरी न मिलने से इनके परिवारों पर भरण पोषण का संकट आ गया है. यहां तक कि वे अपने बच्चों को स्कूलों से निकाल रही हैं, उन्हें बीमारियों में भी इलाज नहीं दिलवा पा रही हैं.
आरसीसी के लॉयर्स ने दिल्ली हाईकोर्ट में रुकी हुई सैलरीज को लेकर याचिका दी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने 9 मई 2024 को वेतन जारी करने का आदेश भी जारी किया था लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद 30 मई को फिर से हाईकोर्ट ने सैलरी देने का आदेश दिया लेकिन अभी तक डब्ल्यूसीडी की ओर से इसे बहाल किया जाना बाकी है. इस पर तत्काल कदम उठाने की जरूरत है.
स्वाति ने आखिर में अरविंद केजरीवाल से कहा, मैं आपसे प्रार्थना करती हूं कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और दिल्ली सरकार के मंत्रियों से भी अनुरोध करती हूं कि वे राज्य की महिलाओं और बच्चों के प्रति अपनी जिम्मदारियों को निभाएं. न्याय की तलाश में भटक रही महिलाओं के लिए आयोग एक उम्मीद की तरह है, इसलिए जरूरी है कि दिल्ली सरकार के द्वारा इसे टूटने से बचाया जाए.