सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि किसी को ‘मियां-तियां’ या ‘पाकिस्तानी’ कहने को सामाजिक दृष्टि से खराब माना जा सकता है, लेकिन इसे अपराध नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने यह निर्णय एक मामले में दिया, जिसमें एक व्यक्ति पर सरकारी कर्मचारी को ‘पाकिस्तानी’ कहने का आरोप था।
कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि भले ही यह शब्द सामाजिक रूप से अनुचित हों, लेकिन ये धार्मिक भावनाओं को आहत करने के अपराध के तहत नहीं आते। कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ दर्ज मामलों को खारिज कर दिया और कहा कि इसके लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं थे।
यह मामला तब सामने आया जब एक उर्दू अनुवादक ने RTI आवेदन के संदर्भ में जानकारी के लिए आरोपी से संपर्क किया। आरोपी ने उर्दू अनुवादक को ‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ जैसे शब्दों से संबोधित किया था, जिसके बाद उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय यह स्पष्ट करता है कि सामाजिक दृष्टिकोण से असंवेदनशील शब्दों को कानूनी अपराध मानने के लिए जरूरी नहीं कि उन शब्दों का कोई अपराधात्मक असर हो।