सोमवार (8 जुलाई 2024)को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका दिया. सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण-जमीन हथियाने और राशन घोटाले से जुड़े सभी मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए SC ने ममता सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार किसी शख्स को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है!
दरअसल, संदेशखाली में टीएमसी से निष्कासित नेता शाहजहां शेख पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप लगे थे. इस मामले में विपक्ष ने ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा था. हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. ममता बनर्जी ने संदेशखाली मामले में सीबीआई जांच के आदेश के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
इससे पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 29 अप्रैल को सुनवाई हुई थी. तब जस्टिस गवई ने कहा था, किसी व्यक्ति को बचाने के लिए राज्य सरकार याचिकाकर्ता के तौर पर क्यों आई है? इस पर ममता सरकार के वकील जयदीप गुप्ता ने कहा था, राज्य सरकार की लगातार कार्रवाई के बावजूद ये कमेंट आया है.
ममता सरकार की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले में सुनवाई टालने की मांग की थी, उन्होंने कहा था कि किसी अन्य वजह से ये याचिका लगाई गई है. सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा, सिर्फ संदेशखाली ही नहीं यह याचिका राशन घोटाले से भी जुड़ी है, जिसमें 43 एफआईआर दर्ज हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की बेंच उनकी दलील पर सहमत नहीं हुई और याचिका खारिज कर दी.