दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो दिल्ली शराब नीति घोटाले में जमानत पर रिहा चल रहे उनकी जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने त्वरित सुनवाई से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से सवाल किया कि जब जस्टिस दत्ता की पीठ पिछले सप्ताह उपलब्ध थी, तब यह याचिका क्यों नहीं दायर की गई थी?
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत अवधि को सात दिन बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, केजरीवाल के वकील द्वारा याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग करने पर अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया।
दिल्ली शराब नीति घोटाले में ईडी द्वारा 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई थी। इस गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं दी। इसके बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को उन्हें 1 जून तक अंतरिम जमानत दी। यह जमानत लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए दी गई थी और कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई थीं, जिनमें 1 जून को वापस जेल आने की शर्त शामिल थी। अब केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने अपनी जमानत की अवधि सात दिन और बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने याचिका में कहा है कि उन्हें स्वास्थ्य जांच करानी है, जिसमें पीईटी और सीटी स्कैन जैसी प्रक्रियाएँ शामिल हैं।
कोर्ट ने यह भी नोट किया कि ईडी पिछले डेढ़ साल से दिल्ली शराब नीति घोटाले की जांच कर रही थी, लेकिन केजरीवाल को आम चुनाव के ऐलान के बाद ही गिरफ्तार किया गया था। इस कारण से कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।