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बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जेडीयू ने श्याम रजक को पार्टी से किया निष्कासित

श्याम रजक
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बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जेडीयू ने अपने वरिष्ठ नेता श्याम रजक को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. श्याम रजक पर पिछले कुछ दिनों से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लग रहा था. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि श्याम रजक पिछले कुछ दिनों से दल विरोधी काम में संलिप्त थे. इसलिए उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है. श्याम रजक सोमवार को मंत्री पद से भी इस्तीफा देने वाले थे. श्याम रजक पार्टी छोड़ कर आरजेडी में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे.

बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी छोड़ने और ज्वाइन करने का सिलसिला शुरू हो चुका है. इस कड़ी में पहला नाम नीतीश कुमार के कैबिनेट मंत्री श्याम रजक का जुड़ रहा है, जिन्होंने बीते कुछ दिनों से पार्टी छोड़ने का मन बना लिया था. कयास लग रहे थे कि श्याम रजक न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं बल्कि पार्टी छोड़कर अपने पुराने घर यानी राष्ट्रीय जनता दल में भी शामिल हो रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक श्याम रजक सोमवार को आरजेडी में शामिल हो सकते हैं. रजक ने रविवार को ही इसका संकेत दिया है. आरजेडी सूत्रों का कहना है कि रजक को पार्टी में शामिल करने को लेकर सारी तैयारी पूरी हो गई है.

एक समय लालू के खास थे रजक
बिहार की राजनीति में श्याम रजक पिछले तीन दशक का एक चर्चित नाम है. बात चाहे लालू के दरबार की हो या फिर नीतीश के कैबिनेट की श्याम रजक हर जगह से चर्चित रहे हैं. श्याम रजक के जेडीयू छोड़ने की खबरें तो पहले से ही आ रही थी, लेकिन इस बात की पुष्टि राजद के द्वारा करने के बाद जेडीयू ने यह कार्रवाई की है.

महागठबंधन की सरकार में मंत्री पद नहीं मिला
साल 2009 में लालू प्रसाद यादव से मोह भंग होने के बाद रजक ने नीतीश कुमार को नेता माना था. श्याम रजक उसी साल जेडीयू में शामिल भी हो गए थे. जेडीयू के सिंबल पर पहली लड़ाई में वह हार गए थे लेकिन, साल 2010 में वो फिर से जेडीयू के कोटे से विधायक बने और मंत्री बने. 2015 में महागठबन्धन की सरकार बनने पर रजक को मंत्री नहीं बनाया गया. माना जा रहा है कि लालू प्रसाद नहीं चाहते थे कि श्याम रजक को मंत्री बनाया जाए.

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